A Multi Disciplinary Approach To Vaastu Energy

NUMEROLOGY IN HINDI

अंक शास्त्र (Numerology)

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अंक शास्त्र प्राचीन समय से चली आ रही एक विद्या है जिसके द्वारा अंकों की गणना कर भविष्य का पहले ही पता लगाया जा सकता है। अंक शास्त्र को अंक विज्ञान और अंक ज्योतिष के नाम से भी जानते हैं। यह ज्योतिष शास्त्र जैसा ही पुराना और सही विज्ञान है। अगर देखा जाए तो अंक शास्त्र और ज्योतिष एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ऐसे ही हस्तरेखा विज्ञान और अंक शास्त्र एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। भविष्य से जुड़ी किसी भी तरह की गणना करने के लिए पिछले कई सालों से अंक ज्योतिष ज्ञान का उपयोग किया जाता रहा है।

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अंक शास्त्र कैलकुलेटर – जानें अंक ज्योतिष से भविष्य

प्रत्येक व्यक्ति के मन में प्रश्न होता है - आख़िर कैसे जानें अंक ज्योतिष से भविष्य? इस प्रश्न का ही उत्तर है यह अंक शास्त्र कैलकुलेटर। अंक शास्त्र को हिंदी में अंक विज्ञान, अंक ज्योतिष और अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी के नाम से जाना जाता है। अंक शास्त्र एक विज्ञान है जो हमें भविष्य की जानकारी प्रदान करता है। अंक शास्त्र में जन्म की तारीख और नाम को आधार बनाकर व्यक्ति के व्यवसाय, मित्रों, उसके जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव तथा लाभ व हानि संबंधी ढेर सारी बातों की जानकारी हासिल की जा सकती है। यदि किसी व्यक्ति को अपने जन्म के समय की पूरी जानकारी नहीं है तब भी वह अंक शास्त्र कैलकुलेटर की मदद से अपने भविष्य का पता लगा सकता है। नीचे दिए गए फॉर्म में अपने विवरण भरकर अपने भविष्य संबंधी जानकारी हासिल करें –

Numerology System (अंक-शास्त्र पद्धति)
Date of Birth / DOB (जन्म तिथि)
Date Month Year
     
Psychic or Birthday or Personality / Personal or Day / Date Number / मूलांक (a.k.a Corporal Number)
Life Path or Vital / Destiny / Fate Number / भाग्यांक (Sum of DOB DDMMYYYY)
Name (नाम)
 
Expression or Life or Sun Number / नामांक (From Name)

Soul Urge / Motivation / Moon Number / आत्मिक इच्छा / हृदय आकांक्षा संख्या
(From Name - Sum of values of vowels - a, e, i, o, u)

Consider 'Y' as a vowel Consider 'W' as a vowel
Friends and Foes among Numbers, i.e. Numbers with Harmonious Vibrations (Based on Astrology)
Birthday Number or Numbers Best Friends or Harmonious Friends Enemies Neutral
1 1, 2, 9, 3 1, 2, 3, 4, 7, 9 6,8 5
2 2, 1, 5 2, 1, 4, 5, 7   3, 6, 8, 9
3 3, 1, 2, 9 3, 1, 2, 4, 7, 9 5, 6 8
4 1, 5 4, 1, 2, 3, 7,9 6, 8 5
5 5, 1, 6 5, 1, 4, 6 2, 7 3, 8, 9
6 6, 5 6, 5, 8 1, 2, 4, 7 3, 9
7 1, 6, 2 7, 1, 2, 4, 5   3, 6, 8, 9
8 5, 6 8, 5, 6 1, 2, 4, 7, 9 3
9 9, 1, 2, 3 9, 1, 2, 3, 4, 7 5 6, 8

अंक शास्त्र

क्या है अंक विज्ञान ?

अंकशास्त्र को अंको का विज्ञान कहा जाता है। अगर देखा जाए तो हमारे सारे कार्य अंक के आधार पर ही सम्पन्न होते हैं। वर्ष, महीना, तिथि, घण्टा, मिनट तथा सेकंड आदि जैसी जरूरत की चीज़ों को व्यक्त करने का माध्यम अंक ही है। कई बार ऐसा होता है जब किसी एक तिथि, दिन या माह में घटी घटना कुछ समय पश्चात् उसी तिथि, दिन, माह पर दोबारा घटित हो जाती हैं। यहाँ तक कि दोनों घटनाओं का समय और उन अंकों का योग भी पूरी तरह से एक ही होता है। उस घटना से जुड़े लोग, उनका नाम और नामांक भी एक हीं होता है। इसी तरह के अनुभव की वजह से हम अंक को शास्त्र, ज्योतिष और विज्ञान से जोड़ने लगते हैं।

अंक शास्त्र का इतिहास

अंक शास्त्र के बारे में विद्वानों का मानना है कि अंक शास्त्र की शुरुआत संस्कृत मूलाक्षरों से हुई है। अंक ज्योतिष विज्ञान प्राचीन वैदिक लोगों का विषय रहा है। इजिप्ट की जिप्सी जनजाति ने भी इस विद्या को विकसित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। रिसर्च के अनुसार यह पता चलता है कि अंक शास्त्र का इतिहास 10,000 पूर्व से भी पहले का रहा होगा, लेकिन इसकी कोई सही जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है। हम सभी जानते हैं कि हमारा कोई भी दिन अंकों के बिना नहीं बीतता है तो ज़ाहिर सी बात है कि अंक विज्ञान की शुरुआत काफी प्राचीन रही होगी।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अंक विज्ञान

आधुनिक अंक ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के नाम को अंग्रेजी में लिखकर प्रत्येक अक्षर की गणना करके किसी भी नाम का नामांक प्राप्त किया जाता है। जन्म की तारीख, माह और वर्ष के अंकों को जोड़ कर भाग्यांक प्राप्त किया जाता है और जिसके बाद किसी भी व्यक्ति की भविष्यवाणी की जाती है। सौरमंडल में मौजूद नौ ग्रहों को आधार बनाकर अंक शास्त्र में गणना की जाती हैं। ज्योतिष के अनुसार सौरमंडल के ये नव ग्रह हैं सूर्य, चन्द्र, गुरू, राहु, बुध, शुक्र, केतु, शनि और मंगल जिनकी विशेषताओं को भी गणना करते समय ध्यान में रखा जाता है।

ज्योतिष के अनुसार सौरमंडल की शक्ति 1 से लेकर 9 तक हमारे सारे अंकों को नियंत्रित करती है और इसीलिए हम पर इनका सीधा असर होता है। अंक शास्त्र में हमारे भविष्य से जुड़ी सभी गणनाएं मूलांक (जन्म तारीख के अंको का जोड़) के द्वारा होती है। शास्त्रों में हर मूलांक की अपनी खासियत होती और सबका अपना एक स्वामी ग्रह होता है। मूलांक व्यक्ति का गुण, स्वभाव, स्वास्थ्य आदि के विषय में बताता है। सभी मूलांक के जातक व्यवहार और शारीरिक संरचना में एक दूसरे से काफ़ी भिन्न होते है।

अंक शास्त्र का लाभ

ज्योतिष शास्त्र में की गई गणना अंक शास्त्र की तुलना में ज्यादा कठिन होती हैं। अंक शास्त्र का उपयोग केवल ज्योतिष शास्त्र में हीं नहीं बल्कि वास्तु शास्त्र में भी किया जाता है। अंक का महत्व और उपयोग आपको फेंगसुई एवं वास्तु में भी जगह-जगह पर देखने को मिल जाएगा जैसे घर या ऑफिस की सीढ़ियों और दरवाजों आदि का शुभ या अशुभ होना उनकी संख्या पर निर्भर करता है। भविष्य की जानकारी के अलावा अंक ज्योतिष से विवाह या शुभ कामों में भी काफ़ी मदद और लाभ मिलते हैं।

अंक ज्योतिष में हर ग्रह के लिए 1 से लेकर 9 तक एक-एक अंक निर्धारित किए गए हैं और यह नौ ग्रह उससे जुड़ा हुआ अंक मनुष्य के जीवन पर अपना प्रभाव डालते हैं। ज्योतिष विद्या के अनुसार किसी व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति उस व्यक्ति का व्यक्तित्व निर्धारित करती है। इसलिए, जन्म के बाद उस व्यक्ति पर उसी अंक का प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ता है, जो कि व्यक्ति के स्वामी ग्रह का अंक होता है। अंक ज्योतिष से विवाह का भी गहरा संबंध है। गुण मिलान के समय यदि किसी एक व्यक्ति का अंक दूसरे व्यक्ति के अंक से मिल जाता है तो भविष्य में दोनों लोगों के बीच एक अच्छे संबंध की कल्पना की जाती है।

कैसे निकालते हैं नामांक

अंक ज्योतिष ज्ञान आपके जन्म दिनांक और नाम इन दोनों का मूलांक निकालकर व्यवसाय, प्रेम, विवाह आदि जैसी इच्छित विषयों के सम्बन्ध में आपके शुभ-अशुभ फल की जानकारी प्रदान करता है।

नामांक निकलने के लिए किसी नाम के नंबर को लिख कर उन्हें जोड़ें, जैसे किसी व्यक्ति का नाम यदि RAHUL है तो आप इस प्रकार नामांक निकल सकते हैं। 9 + 1 + 8 + 3 + 3 = 24, 2 + 4 = 6 इस प्रकार RAHUL नाम के व्यक्ति का नामांक 6 है।

कैसे निकालते हैं मूलांक

किसी भी व्यक्ति की जन्मतिथि का जोड़ मूलांक कहलाता है जैसे 6, 15, 24 तारीखों को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 6 होगा।

कैसे निकालते हैं भाग्यांक

भाग्यांक निकालने के लिए किसी व्यक्ति की जन्मतिथि को जोड़े जैसे किसी व्यक्ति की जन्मतिथि 16/03/2018 है, तो आप इस प्रकार भाग्यांक निकाल सकते हैं। 1 + 6 + 0 + 3 + 2 + 0 + 1 + 8 = 21, 2 + 1 = 3। इस प्रकार 16/03/2018 को जन्में व्यक्ति का भाग्यांक 3 होगा।

नामांक के अनुसार व्यक्ति का स्वभाव

अंक शास्त्र में मुख्य अंक 0 से 9 तक होते हैं, 0 से लेकर 9 तक के अंकों द्वारा अन्य सभी संख्याओं का निर्माण होता है। इन्हीं 9 अंकों द्वारा पूरे विश्व का चक्र चलता है। प्रकृति की बात करें तो ये सभी नौ अंक एक दूसरे से बहुत अलग हैं। प्रत्येक अंक का मानव जीवन पर एक विशेष प्रभाव् होता है। शास्त्रों के अनुसार हमारे जीवन की हर घटना में अंकों का हस्तक्षेप होता है जिसकी वजह से हमारे जीवन का हर पहलू प्रभावित होता है।

जन्मदिन अंक (Birthday Number)

जन्मदिन अंक, मूलांक या जन्मांक एक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व रखता है, क्योंकि एक तो यह परिवर्तित नहीं हो सकता, दूसरा वह व्यक्ति जन्म के समय स्वामित्व रखने वाले ग्रह से प्रभावित होता है, जिसका प्रभाव जन्म लेने के समय से लेकर जीवन के अंत तक सक्रिय रहता है।

जैसे किसी व्यक्ति का जन्म अगर किसी भी महीने की 1, 10, 19 या 28 तारीख को हुआ है। वह अपने महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए इनमें से कोई तारीख़ चुन सकता है। वह तारीख उसके लिए महीने का सबसे अच्छा दिन प्रमाणित होगा। अंक 4, अंक 1 के नकारात्मक प्रभाव का सूचक है। 1 जन्मांक वाला व्यक्ति 4 अंक से सम्बन्धित किसी भी तारीख को चुन सकता है परन्तु इस अंक को किसी सांसारिक कार्य के लिए नहीं चुनना चाहिए।

क्योंकि अंक 4 स्वयं 1 जन्मांक वाले व्यक्ति के जीवन में आता रहता है परन्तु शुभ प्रभाव नहीं देता। 1 जन्मांक वालों के लिए 4 अंक वाली तारीखें अर्थात् 4, 13, 22 और 31 दुर्घटना, मृत्यु जैसे दुखद समाचार लाती है। जिसके कारण 4 अंक का उनके जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है। 1 जन्मांक वाले व्यक्ति बिना जाने अधिकतर 4, 13, 22, 31, 40, 49 आदि संख्या वाले जिसका मूल अंक 4 होता है मकान की ओर आकर्षित होते है और उन मकानों में रहने की अवधि में 1 अंक वाले व्यक्तियों के जीवन में महत्त्वपूर्ण घटनाएँ घटित होती है परन्तु सांसारिक दृष्टि से उनको उनसे कोई विशेष लाभ नहीं होता। उसी तरह 4 जन्मांक वाले व्यक्ति को ऐसी संख्या वाले मकान में नहीं रहना चाहिए जिसका मूल अंक 8 (जैसे 8, 17, 26, 35, 44 आदि) बनता हो। इस नियम को मानकर बहुत से लोग अपने आपको, दुखद घटनाओं से बचा सकते है।

1 जन्मांक वाले व्यक्ति के व्यक्तियों के लिए 2 और 7, अर्थात 2, 7, 11, 16, 20, 25 या 29 तारीखें अशुभ नहीं मानी जाती परन्तु ये अंक परिवर्तन लिए हुए होते है, जिसकी वजह से 2 और 7 मूल अंक वाले मकानों में 1 अंक वाले स्थायी रूप से नहीं टिक पाते। नियमों के अनुसार उत्तम यही होगा कि 1 अंक वाले व्यक्ति को घर, गाड़ी नम्बर, मोबाइल नम्बर आदि में 1 मूलांक का ही उपयोग करना चाहिए और 1, 10, 19, 28 तारीखों में ही करें तो अधिक लाभदायक होगा।

इसी प्रकार 4 और 8 मूलांक के व्यक्तियों के लिए 4 और 8 अंक का उपयोग शुभ नहीं माना जाता। 4 और 8 अंको को छोड़कर वह कोई और अंक उपयोग करे तो निश्चित अधिक लाभकारी होता है। जैसे मान लीजिए किसी व्यक्ति का 8, 17 या 26 जनवरी को जन्म हुआ था और उसके नाम के अक्षर का नामांक 3, 5 या 6 बनता है तो 8 जन्मांक वाले व्यक्ति के लिए लाभदायक होगा। इसी प्रकार व्यक्ति अपने घर, गाड़ी नम्बर, मोबाइल नम्बर आदि 1, 3, 5, 6 का उपयोग कर सकता है।

जन्मांक का नियम (Birthday Number):

जन्मांक हमेशा उसी नाम का बनाना चाहिए जिस नाम से उस व्यक्ति को पुकारा जाए या जो उसका प्रचलित नाम हो क्योंकि कई बार ऐसा भी होता है कि जो नामांक नाम हम उपयोग कर रहे है, वह निश्चित रूप से ठीक न हो।

बहुत से लोग अपने ‘सरनेम’ उपनाम से जाने जाते है। जैसे भूतपूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के विभिन्न नाम प्रचलित थे। उनके बहुत से अनुयायी उन्हें केवल ‘पंडितजी’ कहते थे, कुछ उन्हें केवल नेहरू जी कहते थे और बहुत कम लोग उन्हें ‘जवाहरलाल’ कहते थे। इसी प्रकार स्वर्गीय गोविन्द बल्लमपन्त अधिकतर ‘पंतजी’ के नाम से जाने जाते थे। अबुल कलाम आजाद ‘मौलाना आजाद’ के नाम से जाने जाते थे। ऐसी स्थिति में एक साधारण व्यक्ति के लिए यह निश्चित करना कठिन होता है कि वह नामांक के लिए किस नाम को चुने। इसलिए नामांक बनाने में गलती होने की सम्भावना है परन्तु यदि जन्मांक पर अधिक जोर दिया जाए और उसको मूलाधार माना जाए तो गलती नहीं होगी।

और यदि किसी व्यक्ति का नाम ठीक नहीं है और उसका मूल जन्मांक, नामांक एक ही है। निश्चित ही उसे शुभ फल प्राप्त होगा। यदि नामांक और जन्मांक में समन्वयता न हो तो नाम के कुछ अक्षरों को बदल कर वह समन्वयता लायी जा सकती है।

नोट : सूक्ष्म गणनाओं के लिए जन्म मास या जन्म वर्ष का अंक इतना व्यक्तिगत नहीं होता, जितना की जन्मांक या मूलांक होता है।

अंक भविष्य (Numerology Predictions)

अंक शास्त्र में आगामी वर्षो का भविष्य जानना अत्यंत ही प्राचीन पद्धति है। जिसमे हम अपने नाम के अंकों द्वारा यह जान सकते है कि हमारा आने वाला वर्ष हमारे लिए कैसा होगा? इसके लिए हमें अपने नाम के अक्षरों का प्रयोग करना होगा जोकि हमारे जीवन में अत्यंत ही महत्वपूर्ण होते है। इस पद्धति में अंग्रेजी वर्णमाला के इस प्रकार अंक निर्धारित किये गए है

अंक 1 से 9 क्या व्यक्त करते है, इसका संक्षिप्त विवरण नीचे निम्नलिखित है।

1 (A, J, S) - शक्तिशाली अंक सक्रिय, पुल्लिंग, रचनात्मक, निर्भीकता और शक्ति, व्यवहारिक, स्वार्थी और स्वयं केन्द्रित, नेतृत्व और प्रभुत्व देने वाला। निर्देश देने वाला, योजनाएं बनाने वाला और उत्पादन करने वाला यह अंक है।

2 (B, K, T) - अंक 1 से विपरीत होता है। स्त्रीलिंग और ग्रहणशील, शांतिप्रिय कृपालु बनाकर रखता है। व्यवहारकुशल, सुसंस्कृत, सौम्यता देता है। यह अंक सदा सहायता देने वाला है। डॉक्टरों, नर्सो, माताओं और राजनायिकों के लिए विशेष लाभकारी है।

3 (C, L, U) - स्पष्टोच्चारण, अभिनय, संगीत, नृत्य, कला सम्बन्धी व्यवसाय, फोटोग्राफी और ‘मूर्तिकला’ आदि पर इस अंक का विशेष प्रभाव है। यह अंक हर्षोल्लास देने वाला है। यह वर्ष सफलतापूर्वक माना गया है।

4 (D, M, V) - एक सृजनात्मक अंक जो शोध कार्य, वाद विवाद, तर्क और सूक्ष्म विश्लेषण से सम्बन्धित है। नई व्यवसायिक योजनाओं के आरम्भ करने के लिए यह शुभ अंक है। झगड़ा फसाद उत्पन्न करने वाला और सांसारिकता से सम्बन्ध रखने वाला है।

5 (E, N, W) - नर्वस, तूफानी, उत्तेजक। यह दो पहलू वाला अंक है और इससे प्रभावित व्यक्ति नहीं जान पाता कि कौन सा पहलू अपनाना चाहिए, इसलिए अनिश्चितता से पूर्ण है। रचनात्मक भी और ध्वंसकारी भी है। हर्षोल्लास और उदासीनता दोनों देने वाला अंक 5 है। आशात्मक और निराशात्मक दुर्भाग्यपूर्ण माना जाता है। यह परिवर्तनशील अंक भी है।

6 (F, O, X) - यह अंक 2 के समान माना गया है। शांतिप्रियता और हर्षोल्लास देने वाला प्रेरणात्मक तथा अंत: प्रज्ञात्मक। विश्वास प्रदान करने वाला है। सर्वभौमिक धार्मिक विचारों और स्वास्थ्य पर इसका विशेष प्रभाव पड़ता है। आर्थिक मामलों के लिए यह अंक महत्त्वहीन है। विवाह, शान्ति, सुविधा, ऐशो-आराम आदि के लिए शुभ है।

7 (G, P, Y) - रहस्यात्मक, अस्पष्ट, अपनी बात छिपाने वाला। अत्यंत रुढ़िवादी और अल्पभाषी। नई योजना के आरम्भ करने के लिए अशुभ। अग्रसर न होने वाला। गुप्त विद्याओं और धार्मिक रूचि वालों के लिए आदर्श अंक, यह अंक अकेलापन और एकांतप्रियता देने वाला है।

8 (H, Q, Z) - यह मस्तिष्क सम्बन्धी अंक है। विज्ञान और व्यापार में सफलता का घोतक है। संगीत, कला आदि के लिए एक शुभ अंक नहीं है। सूक्ष्म विश्लेषण करने वाला, नेतृत्व देने वाला, योजनाओं को व्यवहारिक रूप देने वाला और सहानुभूति पूर्ण माना गया है।

9 (I, R) - यह सर्वलौकिक सक्रिय अंक है। इस अंक का व्यक्ति सर्वलौकिक प्रेम व्यक्त करता है। यह अंक सब प्रदोलनो का उद्गम है कठिनाइयों और बाधाओं से लड़ने की क्षमता देता है। यह अंक सद्गुण, ईमानदारी, सत्यता, निष्ठा और दृढ़ता का प्रतीक है। यह अंक कला और संगीत के क्षेत्र में भी सफलता दिलाता है।

 S    A    L  M    A   N    K   H   A    N

01-02-03-04-05-06-07-08-09-10

11-12-13-14-15-16-17-18-19-20

21-22-23-24-25-26-27-28-29-30

31-32-33-34-35-36-37-38-39-40

41-42-43-44-45-46-47-48-49-50

51-52-53-54-55-56-57-58-59-60

61-62-63-64-65-66-67-68-69-70

अब हम एक व्यक्ति के नाम SALMAN KHAN का उदाहरण देकर बताते है कि नाम के द्वारा भविष्य कैसे जाना जाता है। यहाँ हमने नाम के अक्षरों के नीचे 1, 2, 3, 4 आदि के क्रम से जीवन के वर्ष लिख दिए है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उपर्युक्त व्यक्ति के जीवन के वर्ष उस अक्षर(और उससे सम्बन्धित अंक) से प्रभावित होते है, जिसके अंतर्गत वे वर्ष आते है। जैसे ‘K’ के नीचे 07, 17, 27, 37, 47, 57, 67 वर्ष लिखे है। इसका अर्थ यह हुआ कि यह व्यक्ति को 07, 07, 27, 37, 47, 57 और 67 वर्ष ‘K’ अक्षर से प्रभावित है।

यदि हम जानना चाहे कि उपर्युक्त व्यक्ति का 54 वां वर्ष कैसे व्यतीत होगा तो हमें देखना होगा कि 54 वां वर्ष किस अक्षर के नीचे है और किस अंक से प्रभावित है। देखिये 54वां वर्ष ‘M’ अक्षर के नीचे आता है।

‘M’ का ऊपर दी गयी अंक सारणी के अनुसार अंक 4 है। अब यदि हम 4 अंक का संकेतात्मक अर्थ समझ लेंगे तो हम बता सकेंगे कि उसका 54 वां वर्ष कैसा होगा। अंक 4 एक सृजनात्मक अंक है जो शोध कार्य, वाद विवाद, तर्क और सूक्ष्म विश्लेषण से सम्बन्धित है। नई व्यवसायिक योजनाओं के आरम्भ करने के लिए यह शुभ अंक है। झगड़ा फसाद उत्पन्न करने वाला और सांसारिकता से सम्बन्ध रखने वाला है।

इसी प्रकार किसी भी व्यक्ति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हो सकती है। इस पद्धति के जन्मदाता का कहना है कि 1 से 9 अंक के जो प्रभाव वर्णित किये है उनका शाब्दिक अर्थ नहीं निकालना चाहिए, उससे क्या संकेत मिलता है, उस पर ध्यान देना चाहिए। इस सम्बन्ध में निम्नलिखित दो बातें ध्यान देने योग्य है।

1 - जब किसी वर्ष का अंत या आरम्भ हो रहा हो तो पिछले और अगले वर्ष दोनों का कुछ हद तक मिश्रित प्रभाव पड़ेगा।

2 - महिलाओं के सम्बन्ध में उनके अविवाहित काल के नाम से गणना करनी चाहिए।

अंक ज्योतिष में मूलांक

जन्मदिन से गुण मिलान के लिए मूलांक के बारे जानना अति आवश्यक है। अंक विज्ञान के अनुसार हमारे जन्म की तारीख की संख्या के कुल योग को मूलांक कहते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि किसी जातक का जन्म 24 तारीख़ को हुआ हो, तो उसका मूलांक 2 + 4 = 6 होगा। यदि किसी जातक का जन्म 19 या 28 तारीख़ को हुआ है तो इन तीनों संख्या का योग क्रमशः 1 + 9 = 10 और 2 + 8 = 10 होगा।

ध्यान रहे, अगर किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख का योग दहाई अंक में आता है तो उन दोनों संख्याओं को पृथक-पृथक करके जोड़ा जाएगा। जैसे- 28 संख्या का योग 10 आ रहा है जिसका योग दहाई में है। अतः 10 के लिए मूलांक 1 + 0 = 1 होता है। इसी प्रकार 29 का योग भले 11 हो। परंतु इसका मूलांक 1 + 1 = 2 होगा।

अंक शास्त्र में मूलांक और उनका महत्व

अंक विज्ञान की कीरो विधि में प्रत्येक अंक का एक विशेष महत्व होता है। ये अंक व्यक्ति के स्वभाव एवं व्यक्तित्व के बारे में बताते हैं। अंक ज्योतिष में मूलांक 1 से लेकर 9 तक होते हैं। यहाँ हर एक मूलांक की प्रकृति दूसरे मूलांक से भिन्न है। प्रत्येक मूलांक का स्वामी एक ग्रह होता है। इसलिए इनके स्वभाव में भिन्नता पाई जाती है और इसका प्रभाव लोगों के व्यक्तित्व, स्वभाव और विचार पर भी पड़ता है। इस बात को आप नीचे दी गई तालिका में बेहतर तरीक़े से समझ सकते हैं।

मूलांक तारीख़ ग्रह विशेषता
1 1, 10, 19, 28 सूर्य ईमानदार, दृढ़ निश्चयी, अहंकार, स्वाभिमानी, महत्वाकांक्षी, नेतृत्व करने वाले
2 2, 11, 20, 29 चंद्रमा संवेदनशील, कल्पनाशील, रचनाकार, बुद्धिजीवी
3 3, 12, 21, 30 बृहस्पति स्वाभिमानी, स्वतंत्र विचार वाले, शक्तिशाली,
4 4, 13, 22, 31 राहु क्रांतिकारी, वैज्ञानिक, राजनीतिज्ञ, अहंकारी, उपद्रवी
5 5, 14, 23 बुध बुद्धिमान, कर्मशील, साहसी, तर्कवादी
6 6, 15, 24 शुक्र प्रभावशाली, कला प्रेमी, भौतिक सुखों की इच्छा रखने वाले
7 7, 16, 25 केतु तीव्र कल्पना शक्ति, स्वंतत्र विचार वाले, परिवर्तनशील
8 8, 17, 26 शनि अंतर्मुखी, गंभीर, एकान्त प्रिय, मितव्ययी
9 9, 18, 27 मंगल साहसी, ऊर्जावान, बलशाली, अनुशासित, सिद्धांत प्रिय, आक्रामक

प्रेम की दृष्टि से मूलांक की विशेषता

मूलांक 1 वाले जातकों का प्रेम संबंध स्थायी रहता है। ये जातक प्रेम के इच्छुक होते हैं। अलगाव के बावजूद भी साथी से इनके मैत्रीपूर्ण रिश्ते कायम रहते हैं।

2 मूलांक वाले जातकों के प्रेम में कम सफलता मिलती है। कई बार इन्हें प्रेम में बेवफ़ाई मिलती है।

मूलांक 3 वाले जातक का प्रेम जीवन स्थिर नहीं होता है। हालांकि इनका वैवाहिक जीवन सुखद रहता है।

वहीं जिन जातकों का मूलांक 4 होता है उनके प्रेम जीवन की सांस जल्दी थम जाती है। हालाँकि इस मूलांक के पुरुष जातकों का स्त्रियों के प्रति विशेष झुकाव होता है। ये अपने प्रियजन के साथ मधुर व्यवहार करते हैं।

मूलांक 5 वाले जातक प्रेम के मामले में थोड़े चंचल स्वभाव के होते हैं। अतः ये अधिक समय तक एक जगह नहीं टिकते हैं।

मूलांक 6 वाले जातक अपने विपरीत लिंग के लोगों को जल्दी आकृर्षित कर लेते हैं। ये अपने साथी से जल्दी ही घुल मिल जाते हैं।

जिन व्यक्तियों का मूलांक 7 होता है उन जातकों का प्रेम संबंध स्थायी नहीं रहता है। इनकी गंभीर प्रकृति इसके आड़े आती है। हालाँकि ये प्यार का दिखावा तो नहीं करते हैं लेकिन इनके हृदय में बहुत भरा होता है। इसलिए इनका वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।

मूलांक 8 वाले व्यक्तियों के प्रेम जीवन में भी स्थिरता की कमी पाई जाती है। कई बार तो ये जातक मन ही मन प्रेम करते हैं परंतु इसे धरातल पर नहीं लाते हैं।

वहीं जिनका मूलांक 9 होता है उनके प्रेम जीवन उनके आक्रामक रवैये से प्रभावित होता है। अधिक क्रोध के कारण इनके प्रेम संबंध में दरार पड़ जाती है।

मूलांक (Birthday Number) का प्रभाव, स्वभाव, व्यवसाय और विशेषताएँ :-
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जन्मदिन के अनुसार गुण मिलान क्या है?

जन्मदिन के अनुसार गुण मिलान एक ज्योतिषीय प्रक्रिया है जिसमें प्रेमी और प्रेमिका की जन्म की तारीख़ को लेकर अंक ज्योतिष की कीरो विधि के द्वारा गुण मिलाए जाते हैं। यह कुंडली मिलान तथा नाम से गुण मिलान की प्रक्रिया से भी थोड़ी अलग है। इन तीनों में फर्क सिर्फ़ इतना है कि कुण्डली मिलान में वर-कन्या की कुण्डली को देखकर गुण मिलाए जाते हैं और नाम के अनुसार गुण मिलान में दोनों के नामांक से गुणों का मेल देखा जाता है। जबकि जन्मदिन से गुण मिलान में लड़के और लड़की के गुण मिलाने के लिए मूलांक को आधार माना जाता है।

गुण मिलान क्यों आवश्क है?

प्यार का मामला थोड़ा पेचीदा होता है। यदि प्यार में विश्वास की डोर कच्ची हो तो यह नाता जल्दी टूट जाता है। प्रेम में विश्वास, सामंजस्य और विपरीत परिस्थिति में साथ चलने की भावना आवश्यक है। इन सभी जाँचने और परखने के लिए गुण मिलान आवश्यक है। जिस प्रकार विवाह के लिए वर एवं वधु की जन्म कुण्डली को देखकर कुण्डली मिलान की जाती है। ठीक उसी प्रकार जन्म की तारीख़ से भी दो प्रेमियों के बीच गुणों की अनुकूलता को देखा जा सकता है।

नाम से गुण मिलान क्या है?

नाम के अनुसार गुण मिलान अंक ज्योतिष की कीरो विधि पर आधारित है। इसमें नामांक के ज़रिए दो प्रेम करने वाले व्यक्तियों के गुणों को मिलाया जाता है तथा उनका फलादेश ज्ञात किया जाता है। यह कुण्डली मिलान से भिन्न है। नामांक की गणना अंग्रेज़ी में दिए गए अक्षरों के आधार पर होती है। यहाँ A से लेकर Z तक सभी अक्षरों के लिए कुछ निश्चित अंक निर्धारित किए गए हैं। जैसे -

अक्षर अंक
A, I, J, Q, Y 1
B, K, R 2
C, G, L, S 3
D, M, T 4
E, H, N, X 5
U, V, W 6
O, Z 7
M, P, F 8

नामांक को ज्ञात करने की विधि

आप यह जान चुके हैं कि हर अंग्रेजी के अक्षर के लिए अंक निर्धारित है। इसलिए नामांक को निकालना आपके लिए आसान होगा। उदाहरण से समझिए, यदि किसी व्यक्ति का नाम RAJ है तो उपरोक्त तालिका के अनुसार R के लिए 2, A के लिए 1 और J के लिए भी 1 अंक निर्धारित है। अब हमें इन अंको का योग करना है। यहाँ 2 + 1 + 1 = 4 होते हैं यानि राज का नामांक 4 हुआ। ऐसे ही यदि किसी व्यक्ति के नाम के अक्षरों का योग दहाई संख्या में आता है तो उन दो संख्याओं को अलग करके जोड़ा जाता है। उदाहरण - किसी व्यक्ति के नाम के अक्षरों का योग 16 आया है तो यहाँ 1 और 6 को जोड़ा जाएगा और जिसका नामांक 7 होगा।

 

नामांक और विशेषता

  • नामांक 1 - जिन जातकों का नामांक 1 होता है, वे एक सफल व्यक्ति होते हैं। समाज में आपको मान-सम्मान और ख्याति प्राप्त होती है। दूसरें के सहयोग के लिए आप सदैव तत्पर रहते हैं। सामाजिक क्षेत्र में आपको बड़ी सफलता मिलती है।
  • नामांक 2 - 2 नामांक वाले व्यक्ति को जीवन में अधिक संघर्ष करना पड़ता है। आप राजनीतिज्ञ होते हैं लेकिन आप में निरंतरता की कमी दिखाई देती है। आयात एवं निर्यात से जुड़े व्यापार में आपको सफलता मिलती है।
  • नामांक 3 - इस नामांक के जातकों को करियर में सफलता पाने के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है। हालाँकि आपके कार्यक्षेत्र में स्थिरता बनी रहती है।
  • नामांक 4 - इस नामांक की महिलाओं को रिलेशनशिप में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। यदि आपका नामांक 4 है तो आपको शेयर मार्केट से दूरी बनाकर रखना चाहिए।
  • नामांक 5 - इस नामांक के व्यक्ति भाग्यशाली होते हैं। समाज में आपको मान-सम्मान और पहचान मिलती है। आप सकारात्मक सोच के होते हैं और इसलिए हर क्षेत्र में सफलता की नींव रखते हैं।
  • नामांक 6 - इस नामांक के जातक मनोरंजन, डिज़ाइनिंग और कला के क्षेत्र में सफलता पाते हैं और विलासपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं।
  • नामांक 7 - इस नामांक के जातकों को प्रत्येक क्षेत्र में सावधानी से क़दम बढ़ाना चाहिए, क्योंकि यह नामांक केवल कुछ ही लोगों के लिए अनुकूल होता है। इसमें कला और साहित्य के क्षेत्र से संबंध रखने वाले जातकों को सफलता मिलती है।
  • नामांक 8 - इस नामांक के जातक अच्छे योजनाकार होते हैं। परंतु वे किसी न किसी स्कैंडल में फँस जाते हैं। आप जीवन में कई प्रकार की बाधाओं का भी सामना करते हैं।
  • नामांक 9 - जिन जातकों का नामांक 9 होता है वे खुले विचार के होते हैं। आपको स्वतंत्रता अधिक रास आती है। आप रचनात्मक और दृढ़ निश्चयी होते हैं।

अंक ज्योतिष में नामांक का महत्व

अंक विज्ञान की कीरो विधि में प्रत्येक अंक का एक विशेष महत्व होता है। ये अंक व्यक्ति के स्वभाव एवं व्यक्तित्व के बारे में बताते हैं। आइए इस बात को इस उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। अंक शास्त्र के नियम के अनुसार यदि प्रेमी का अंक 1 है और प्रेमिका का अंक भी 1 है तो दोनों के बीच समान भावना और प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। इससे उनके बीच टकराव की स्थिति देखने को मिलेगी। यदि इस स्थिति में प्रेमिका का अंक 2 होता है तो दोनों के बीच प्रेम बढ़ेगा। जबकि प्रेमी का अंक 1 हो और प्रेमिका का 3 तो प्रेम जीवन सुखद रहता है।

वहीं इसी स्थिति में यदि प्रेमिका का नामांक 4 हो तो दोनों के बीच अकारण विवाद होता रहता है। 5 अंक वाली प्रेमिका के साथ मौखिक रुप से वाद-विवाद होने की सम्भावना रहती है। 6 अंक वाली प्रेमिका 1 अंक के प्रेमी के साथ सुखी प्रेम जीवन का आनन्द लेती है। 7 अंक वाली प्रेमिका के साथ 1 अंक के प्रेमी का प्रेम जीवन सुखी होता है। वहीं 1 अंक के प्रेमी और 8 अंक वाली प्रेमिका के बीच प्रेम जीवन में कमी बनी रहती है। जबकि 9 अंक वाली प्रेमिका 1 अंक के प्रेमी के साथ सुखमय प्रेम जीवन का आनन्द लेती है। इसी प्रकार आप निम्न तालिका के माध्यम से प्रेमी जोड़े के बीच की अनुकूलता को देख सकते हैं। -

अंक अतिमित्र मित्र सम शत्रु
1 ------ 2,3,6,7,9 1,8 4,5
2 2,6,9 1,4,7 3,8 5
3 6,9 1,5 2,4,7 3,8
4 4,6 2,7,8,9 3,5 1
5 ------ 3 4,6,7,8,9 1,2,5
6 2,3,4,6,9 1 5,7,8 ------
7 7,9 1,2,4,6 3,5,8 ------
8 ------ 4,6 1,2,5,7,8,9 3
9 2,3,6,7,9 1,4 5,8 ------

Double Digit Numbers

संयुक्त अंक (Combined Number)

नाम अंक-ज्योतिष में संयुक्त अंक की पद्दति अत्यंत ही दुर्लभ है। इस पद्दति के माध्यम से हम अपने नाम के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है। हमारा नाम हमारे लिए ठीक है या नहीं, हमारा नाम हमें जीवन में कितना ऊँचा उठा सकता है, हमें कितनी तरक्की दे सकता है?

इस तालिका में अंक 9 किसी अक्षर के लिए नहीं निर्धारित किया गया है। यदि कभी किसी नाम के अंको के योगफल की संख्या 9 हो तो उसका वही अर्थ लेना चाहिए जो प्रकरण अंक 9 में दिया गया है।

यह जानने के लिए की आपका नाम आपके लिए कैसा है? इसके लिए आपको सर्वप्रथम अपने नाम के नामांक बनाने होंगे। नामांक के बाद अपने (Name and Surname) नाम और सरनेम के एकल अंक का संयुक्त योग निकाल कर देखना होगा कि आपका नाम आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है।

उदाहरण के लिए रेमसे मेक्डानल्ड इंग्लैंड की लेबर पार्टी के प्रथम प्रधानमंत्री थे। जिनका जन्म 12 अक्टूबर को हुआ था, जिसका मूल अंक 3 बनता है। जिनको लेबर पार्टी के लोग और समुदाय Ramsay नाम से पुकारते थे। नामांक अनुसार Ramsay नाम का एकल अंक 3 और संयुक्त 12 बनता है और MACDONALD नाम का एकल अंक 5 और संयुक्त 32 बनता है। एकल अंक आदमी का वह रूप दर्शाता है, जो लोगों को ऊपर से दिखाई देता है। संयुक्त अंक सम्बन्धित व्यक्ति की जीवन प्रगति की पृष्ठभूमि में छिपी शक्तियों का प्रतीक है।

RAMSAY नाम के अनुसार अंक 3 शक्तिशाली अंक है और वह प्राय: उन महत्वाकांक्षी व्यक्तियों से सम्बन्धित होता है जो अधिकार पूर्ण उच्च स्थान प्राप्त करते है और जो सरकारी संस्थानों में विशेष रूप से सफल होते है। संयुक्तांक 12 का संकेतमय अर्थ ‘उत्पीडित व्यक्ति या बलिदान‘ है।

MACDONALD नाम के अनुसार 5 अंक बुध ग्रह का स्वरूप है, जो इन्सान को रहस्मय बनाकर उन्नति प्रदान करता है। संयुक्तांक 32 का संकेतमय अर्थ है:-

इस अंक में भी अकेला अंक 5, 14 और 23 संयुक्त अंको के समान मायावी शक्ति रखता है। इस अंक के व्यक्ति को बहुत व्यक्तियों या राष्ट्रों का सामुच्य या समुदाय का उच्चअधिकारी चुना जाता है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति स्वयं अपनी योजनाओं को कार्यान्वित करें, तो निश्चित ही उन्हें सफलता प्राप्त होती है। परन्तु यदि वह अन्य व्यक्तियों की हठ या मूर्खतापूर्ण सलाह को मान्यता देगा तो उसकी योजनायें असफल होंगी। भविष्य विषय में यह अंक शुभ अंक माना गया है।

RAMSAY और MACDONALD दोनों के संयुक्त अंक का योगफल 44 होता है। जोकि भविष्य के लिए गम्भीर परिणामों से पूर्ण है। यह दूसरों के सम्बन्ध या सहयोग स्थापित करने में विपत्ति का पूर्वाभास देता है। इस प्रकार संकेतानुसार RAMSAY MACDONALD का नाम निश्चित रूप से एक राजनैतिक दल के प्रभावशाली नेता के लिए शुभ था। लेकिन शुभ प्रमाणित भी नहीं हुआ। उनकी असफलता का कारण अंक विज्ञान की दृष्टि से निद्रिष्ट था।

यदि रेमसे मेक्ड़ानल्ड को यह ज्ञात होता कि नाम के अंकों के प्रभाव से जीवन में क्या से क्या होता है, तो वह जनता से या अपने दल के सहयोगियों को RAMSAY नाम से पुकारने का अभ्यास न होने देते। वे यदि अपने नाम को MACDONALD नाम से पुकारने का प्रयास करते तो उन्हें निश्चित ही शुभ प्रभाव प्राप्त होता।

संयुक्त अंको का संकेतमय अर्थ:

मूल अंक 1 से 9 के बाद अंको की बड़ी प्रक्रिया आरम्भ होती है और उस समय तक जारी रहती है जब तक 9 की पांच गुनी संख्या अर्थात 45 नहीं आ जाती। 45 के अंक में रहस्यवादी अंक 7 जोड़ दिया जाता है तो संख्या 52 बनती है जोकि 52 सप्ताहों की प्रतीक होती है। यदि 52 को 7 से गुणा किया जाए तो 364 की संख्या प्राप्त होती है। पुरातन काल में एक वर्ष में 364 दिन ही माने जाते थे और लोग 365वें दिन को एक अवकाश और त्यौहार के दिन की तरह मनाते थे। यह 365 की संख्या सूर्य के बारह राशियों में भ्रमण पूर्ण करने के काल पर आधारित है।

संयुक्त अंको के संकेतमय अर्थ 1 से 9 तक मूल अंकों के साथ-साथ इस्तेमाल करके अपने दैनिक जीवन में किस प्रकार लाभ उठा सकते है।

10  इस संयुक्त अंक का स्वरूप ‘भाग्य चक्र’ (wheel of fortune) है। यह अंक प्रतिष्ठा, मर्यादा, निष्ठा आस्था, आत्मविश्वास, उत्थान और पतन का अंक माना जाता है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति अपनी इच्छानुसार बुराई या भलाई को अर्जित करते है। यह एक शुभ अंक माना जाता है। कार्य के अनुसार फल देता है और इससे प्रभावित व्यक्ति अपने कार्यो को कार्यान्वित करने में समर्थ होते है।

11 निगूढ़ विज्ञान के विद्वान् इस अंक को अनिष्टकारी अंक मानते है। यह अंक छिपे हुए संकटों, संघर्ष और दूसरों द्वारा किये गये विश्वासघात की ओर चेतावनी देता है। इस अंक का संकेतमय स्वरूप “एक मुट्ठी बंद हाथ” और एक शेर जिसका मुंह बंधा हुआ है, इसका अर्थ है कि इस अंक के व्यक्ति को जीवन में भयानक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

12 यह अंक मानसिक चिंता और यातनापूर्ण जीवन का घोतक माना गया है। इसका संकेतमय स्वरूप ‘बलिदान’ देना है। यह अंक प्रभावित व्यक्ति को दूसरों के षड्यंत्र में अपने आप को बलिदान कर दिए जाने का संकेत देता है।

13 यह अंक इस बात को दर्शाता है कि योजनाओं और कार्यो में सदा परिवर्तन होता रहेगा। साधारण मान्यता के अनुसार यह एक अशुभ अंक है। प्राचीन काल के कुछ लेखों में यह लिखा है कि “जो अंक 13 के प्रभाव को समझता है वह अधिकार और प्रभुत्व प्राप्त करता है।” इस अंक का संकेतात्मक चित्रण है “एक कंकाल जो एक हंसिये से एक वास के मैदान में उन व्यक्तियों की गर्दने काटता जा रहा है, जो घास के ऊपर अपना अपना सर उठाते है।“ इसलिए इस अंक को उथल पुथल और बर्बादी का अंक माना गया है। यह अंक अधिकार और प्रभुत्व तो प्रदान करता है परन्तु इस अंक को उचित रूप से उपयोग न किया जाये तो ध्वंसकारी होता है। यदि यह अंक किसी गणना में आए तो अज्ञात और अप्रत्याशित घटनाओं की चेतावनी देता है।

14 इस अंक से गति और वस्तु की समुदायात्मक प्रवत्ति प्रकट होती है। इसके प्रभाव से आंधी, तूफ़ान, अग्नि, जल प्रकोप आदि की आशंका बनती है। यह अंक कार्य परिवर्तन, धनोपार्जन, अथवा सेहत के लिए सौभाग्यशाली माना गया है। परन्तु कुछ जातकों को अन्य मनुष्यों की गलती से मूर्खतापूर्ण गतिविधियों के कारण हानि देखनी पड़ती है। भविष्य की गणनाओं में यह अंक दृष्टिगोचर हो तो जातक को संयम, सावधानी और बुद्धिमानी से काम लेना चाहिए।

15 यह अंक मायावी रहस्य के स्वरूप को दर्शाता है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति अपने उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए तंत्र, मंत्र जैसी विद्या का उपयोग करने में संकोच नहीं करता। यदि यह अंक किसी शुभ अकेले अंक से सम्बंध रखता हो तो यह अंक अत्यंत सौभाग्यशाली बन जाता है। परन्तु इस अंक का योग 4 या 8 अंक का योग हो, तो उससे प्रभावित व्यक्ति किसी प्रकार की भी नीच साधनाओं की सहायता से अपने कार्य को पूर्ण करवाने में संकोच नहीं करेगा। दूसरों से धन, भेंट और अनुग्रह प्राप्त करने के लिए यह शुभ अंक है। इस अंक वाले व्यक्ति जीवन में संगीत, कला प्रेमी और अच्छे वक्ता होते है।

16 इस अंक का संकेत अत्यंत विचित्र है। इसका संकेत है “एक ऐसे टावर के रूप में जिस पर बिजली का आघात हुआ है और जहां से एक मुकुट धारी व्यक्ति नीचे गिर रहा है।” इस संकेत को ‘ध्वस्त दुर्ग’ भी वर्णित किया गया है। यह अंक प्रभावित व्यक्ति को यह चेतावनी देता है कि वह व्यक्ति जीवन में किसी होनी का शिकार होगा, उसे दुर्घटनाओं से सावधान रहना चाहिए। यदि यह अंक भविष्य में दृष्टिगोचर हो तो जातक को अपनी योजनाओं के सम्बन्ध में पूर्ण रूप से सतर्क और सावधान रहना होगा।

17 यह एक सशक्त आध्यात्मिक अंक माना गया है। इसका स्वरूप (Pointed Star of Venus) है जो ‘शान्ति और प्रेम’ का प्रतीक है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति जीवन में कठिनाइयों, रुकावटों और आपदाओं का दृढ़ता से मुकाबला करते है और विजय प्राप्त करते है। यह एक अमरता का अंक माना जाता है। ऐसे जातक के जीवन के बाद उसकी कीर्ति अजर-अमर बनी रहती है। भविष्य विषय के प्रश्न के लिए यह एक शुभ अंक है, परन्तु ‘4’ या ‘8’ अंक से इसका कोई सम्बन्ध नहीं होना चाहिए।

18 इस अंक का संकेतमय स्वरूप “एक रश्मिपूर्ण चन्द्रमा जिस पर से रक्त की बूंदे गिर रही है नीचे एक भेड़िया और भूखा कुत्ता उन गिरती हुई रक्त की बूंदों को अपने मुंह में लेने के लिए लपक रहे है एक केकड़ा उन दोनों के पास पहुँचने के लिए वेग से बढ़ रहा है।“ यह अंक भौतिकता द्वारा आध्यात्मिकता को नष्ट करने के प्रयत्न करता है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति कटु लड़ाइयों, पारिवारिक झगड़ों, युद्ध, सामाजिक उथल पुथल तथा कान्ति से सम्बन्ध रखते है और कभी-कभी तो जातक युद्ध के माध्यम से धन और अधिकार प्राप्त करते है। यह अंक जातक को दूसरों द्वारा धोखाधड़ी तथा विश्वासघात और तूफ़ान, जल और अग्नि प्रकोपों तथा विस्फोट से क्षति पहुँचाने की चेतावनी देता है। जब कभी भविष्य में किसी कार्य के लिए कोई शुभ दिन निकालने में इस अंक पर विचार करें तो जो दिन निकले उसे सावधानी और खूब सोच विचारकर स्वीकार करें। हमारे कहने का अर्थ यह है कि यदि किसी ऐसी तारीख का संयुक्त अंक 18 निकले तो उसे किसी शुभ कार्य के लिए नहीं चुनना चाहिए।

19 यह अंक सूर्य का प्रतीक माना गया है। इस अंक का संकेतमय स्वरूप ‘सूर्य’ है। यह अत्यंत ही शुभ अंक है। इस अंक के व्यक्ति को जीवन में हर्ष, सफलता, प्रतिष्ठा, वृद्धि तथा मान-सम्मान की प्राप्त होती है।

20 यह अंक ‘जाग्रति’ और ‘निर्णय’ का प्रतीक माना गया है। इसका संकेतमय स्वरूप है, “एक पैरो वाला देवदूत जो तुरही बजा रहा है उसके नीचे एक पुरुष, एक स्त्री और एक बच्चा कब्र से निकल रहे है और प्रार्थना के लिए हाथ जोड़े हुए है।” जिसका अर्थ है कोई प्रयोजन या लक्ष्य, नई योजनाओं, नई आकांक्षाओं तथा कार्यशीलता के लिए जाग्रत होना। इस प्रकार इस अंक से नवीन योजनायें व नई महत्वाकांक्षायें प्रकट होती है। इस अंक को भी अंक शास्त्र में शुभ माना गया है। यदि भविष्य में यह अंक उपयोग किया जाए तो कार्य में विलम्ब, कठिनाइयों या अडचनों का सामना करना पड़ता है। अपने आप में आध्यात्मिक जाग्रति करके ही इस अंक को अपना सहायक बनाया जा सकता है।

21 इस अंक का संकेतमय स्वरूप ‘ब्रम्हांड’ के रूप में किया गया है। यह अंक जीवन में सफलता, उन्नति, प्रगति, प्रतिष्ठा, मान-सम्मान, वृद्धि, उत्थान का प्रतीक है। भविष्य में यदि यह अंक प्रयुक्त हो तो सफलता दिलाता है।

22 इस अंक का संकेतमय स्वरूप “एक भला आदमी दूसरों की मूर्खताओं के कारण अँधा हो गया है। उसकी पीठ पर गलतियों की एक पोटली लटक रही है। एक भयानक चीता उस पर आक्रमण कर रहा है और वह अपनी रक्षा करने में असमर्थ है।“ इसका संकेतमय अर्थ है, व्यक्ति स्वयं का भला होने पर भी भ्रान्ति और स्वप्न की दुनिया में विचरण करते है और जब विपत्ति बिल्कुल उनके सिर पर आ जाती है, तो वह चौकन्ना होते है। यह अंक इस बात का भी सूचक है कि जातक दूसरों के प्रभाव में आकर गलत निर्णय लेता है। भविष्य प्रश्न में जब यह अंक उपयोग हो तो उपर्युक्त बातों का ध्यान रखना चाहिए।

23 इस अंक का संकेतमय स्वरूप है “शेर का शाही सितारा” (The Royal Star Of The Lion)। यह अंक उच्चाधिकारियों की सहायता, सफलता और सुरक्षा का विश्वास दिलाता है। यह अंक भविष्य प्रश्न के लिए एक अत्यंत सौभाग्यसूचक माना गया है और योजनाओं के सफल होने की पुष्टि करता है।

24 यह भी एक सौभाग्यशाली अंक है। इस अंक के व्यक्ति को अपने कार्य में उच्च पदाधिकारियों का सहयोग तथा उनकी सहायता प्राप्ति होती है और वह एक उच्च अधिकारी बनते है। यह अंक प्रेम का सूचांक है, ऐसे जातकों को जीवन में किसी स्त्री/पुरुष का प्रेम अवश्य मिलेगा। भविष्य के सम्बन्ध में यह एक शुभ अंक माना गया है।

25 यह अंक इस बात को दर्शाता है कि अनुभव के द्वारा शक्ति प्राप्त होती है और दूसरों की सहायता करने से लाभ होता है। इस अंक को स्वार्थ का अंक नहीं माना जाता क्योंकि इस अंक के व्यक्ति को प्रारम्भिक जीवन में बहुत संघर्ष और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, तब कहीं जाकर सफलता प्राप्त होती है। भविष्य विषयक प्रश्न के लिए यह शुभ अंक माना जाता है।

26 यह अंक भविष्य के सम्बन्ध में गम्भीर चेतावनी देता है। यह दर्शाता है कि दूसरों के सहयोग से, साझेदारी से, गलत सलाह से, सट्टे से और गुटबाजी से बर्बादी होने की आशंका बनती है। भविष्य के विषय में इस अंक को बहुत सावधानी से उपयोग करना चाहिए।

27 यह एक शुभ अंक है और इसका संकेतमय स्वरूप “राजदण्ड” है। यह हुकूमत तथा उच्चाधिकारिता का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि बुद्धिमानी से काम करने से निश्चित ही लाभ मिलेगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्तियों को अपने विचारों और योजनाओं को स्वयं कार्यान्वित करना चाहिए। भविष्य के लिए इस अंक का उपयोग करना बहुत शुभ फल देने वाला माना गया है।

28 इस अंक से कई विरुद्ध दिशाओं में जाने वाली शक्तियों का संकेत मिलता है। इस अंक से प्रभावित व्यक्तियों को अपने कार्य में बहुत सफलता की आशा होती है, परन्तु यदि वे सावधानी न बरतें तो उनका सब कुछ समाप्त हो जाता है। उनको अपने भविष्य के लिए सब प्रबंध करने अत्यंत आवश्यक है। ऐसे व्यक्ति दूसरों के प्रति अंधविश्वास न रखे और न ही किसी व्यापार में प्रतिक्रिया बरते, अन्यथा उनको जीवन में विरोध या कानूनी कारवाई के कारण हानि हो सकती है। भविष्य के विषय में इस अंक को शुभ नहीं माना जाता।

29 यह अंक जीवन में अनिश्चितताएं और दूसरों से विश्वासघात और धोखेबाजी, संघर्ष और कठिनाइयां, अप्रत्याशित संकट, अविश्वसनीय मित्र और विपरीत लिंग के व्यक्तियों से धोखा दर्शाता है। भविष्य के विषय के प्रश्नों में यह अत्यंत अशुभ अंक माना जाता है।

30 इस अंक से प्रभावित व्यक्ति अत्यंत बुद्धिमान तथा प्रतिभा सम्पन्न होते है। वे आर्थिक संचय की ओर विशेष ध्यान न देकर अपने आपको मानसिक स्तर पर ऊँचा उठाने के लिए प्रयत्न करते है। इसके कारण यह अंक न शुभ है और न अशुभ है।

31 यह अंक अपने प्रभाव से पिछले अंक के लगभग समान ही है। इस अंक के प्रभाव से व्यक्ति अधिक स्वयंपूर्ण और अकेलापन अनुभव करने वाला होता है और वह अपने साथियों से दूर-दूर ही रहता है। सांसारिक या भौतिक दृष्टि से यह एक शुभ अंक नहीं माना जाता है।

32 इस अंक में भी अकेला अंक 5, 14 और 23 संयुक्त अंको के समान मायावी शक्ति रखता है। इस अंक के व्यक्ति को बहुत व्यक्तियों या राष्ट्रों का सामुच्य या समुदाय का उच्च अधिकारी चुना जाता है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति स्वयं अपनी योजनाओं को कार्यान्वित करें, तो निश्चित ही उन्हें सफलता प्राप्त होती है। परन्तु यदि वह अन्य व्यक्तियों की हठ या मूर्खतापूर्ण सलाह को मान्यता देगा तो उसकी योजनायें असफल होंगी। भविष्य विषय में यह अंक शुभ अंक माना गया है।

33 यह भी एक सौभाग्यशाली अंक है। इस अंक के व्यक्ति को अपने कार्य में उच्च पदाधिकारियों का सहयोग तथा उनकी सहायता प्राप्त होती है और वह एक उच्च अधिकारी बनता है। यह अंक प्रेम का सूचांक है, ऐसे जातकों को जीवन में किसी स्त्री/पुरुष के प्रेम द्वारा अवश्य ही लाभ मिलेगा। भविष्य के सम्बन्ध में यह एक शुभ अंक माना गया है।

34 यह अंक इस बात को दर्शाता है कि अनुभव के द्वारा शक्ति प्राप्त होती है और दूसरों की सहायता करने से लाभ होता है। इस अंक को स्वार्थ का अंक नहीं माना जाता क्योंकि इस अंक के व्यक्ति को प्रारम्भिक जीवन में बहुत संघर्ष और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, तब कहीं जाकर सफलता प्राप्त होती है। भविष्य विषयक प्रश्न के लिए यह शुभ अंक माना जाता है।

35 यह एक शुभ अंक है और इसका संकेतमय स्वरूप “राजदण्ड” है। यह हुकूमत तथा उच्चाधिकारिता का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि बुद्धिमानी से काम करने से निश्चित ही लाभ मिलेगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्तियों को अपने विचारों और योजनाओं को स्वयं कार्यान्वित करना चाहिए। भविष्य के लिए इस अंक का उपयोग करना बहुत शुभ फल देने वाला माना गया है।

36 यह एक विशेष शक्ति सम्पन्न अंक है। इस अंक से प्रभावित व्यक्तियों को प्रेम तथा मित्रता दोनों से सफलता तथा उसके द्वारा भाग्योदय प्राप्त होता है। इन व्यक्तियों को साझेदारी में भी लाभ होता है। भविष्य विषय के प्रश्न में यह एक शुभ अंक है।

37 यह अंक जीवन में अनिश्चितताएं और दूसरों से विश्वासघात और धोखेबाजी, संघर्ष और कठिनाइयां, अप्रत्याशित संकट, अविश्वसनीय मित्र और विपरीत लिंग के व्यक्तियों से धोखा दर्शाता है। भविष्य के विषय के प्रश्नों में यह अत्यंत अशुभ अंक माना जाता है।

38 इस अंक से प्रभावित व्यक्ति अत्यंत बुद्धिमान तथा प्रतिभा सम्पन्न होते है। वे आर्थिक संचय की ओर विशेष ध्यान न देकर अपने आपको मानसिक स्तर पर ऊँचा उठाने के लिए प्रयत्न करते है। इसके कारण यह अंक न शुभ है और न अशुभ है।

39 यह अंक अपने प्रभाव से पिछले अंक के लगभग समान ही है। इस अंक के प्रभाव से व्यक्ति अधिक स्वयंपूर्ण और अकेलापन अनुभव करने वाला होता है। और वह अपने साथियों से दूर-दूर ही रहता है। सांसारिक या भौतिक दृष्टि से यह एक शुभ अंक नहीं माना जाता है।

40 इस अंक में भी अकेला अंक 5, 14 और 23 संयुक्त अंको के समान मायावी शक्ति रखता है। इस अंक के व्यक्ति को बहुत व्यक्तियों या राष्ट्रों का सामुच्य या समुदाय का उच्चाधिकारी चुना जाता है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति स्वयं अपनी योजनाओं को कार्यान्वित करे, तो निश्चित ही उन्हें सफलता प्राप्त होती है। परन्तु यदि वह अन्य व्यक्तियों की हठ या मूर्खतापूर्ण सलाह को मान्यता देगा तो उसकी योजनायें असफल होंगी। भविष्य विषय में यह अंक शुभ अंक माना गया है।

41 यह भी एक सौभाग्यशाली अंक है। इस अंक के व्यक्ति को अपने कार्य में उच्च पदाधिकारियों का सहयोग तथा उनकी सहायता प्राप्त होती है और वह एक उच्च अधिकारी बनता है। यह अंक प्रेम का सूचांक है, ऐसे जातकों को जीवन में किसी स्त्री/पुरुष के प्रेम द्वारा अवश्य ही लाभ मिलेगा। भविष्य के सम्बन्ध में यह एक शुभ अंक माना गया है।

42 यह एक दुर्भाग्यशाली अंक है। जो क्रान्ति, उथल-पुथल, झगड़ा-फसाद, असफलता और रुकावट का प्रतीक है। भविष्य के विषय में यह शुभ अंक नहीं माना गया।

43 यह अंक भविष्य के सम्बन्ध में गम्भीर चेतावनी देता है। यह दर्शाता है कि दूसरों के सहयोग से, साझेदारी से, गलत सलाह से, सट्टे से और गुटबाजी से बर्बादी होने की आशंका बनती है। भविष्य के विषय में इस अंक को बहुत सावधानी से उपयोग करना चाहिए।

44 यह एक शुभ अंक है और इसका संकेतमय स्वरूप “राजदण्ड” है। यह हुकूमत तथा उच्चाधिकारिता का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि बुद्धिमानी से काम करने से निश्चित ही लाभ मिलेगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्तियों को अपने विचारों और योजनाओं को स्वयं कार्यान्वित करना चाहिए। भविष्य के लिए इस अंक का उपयोग करना बहुत शुभ फल देने वाला माना गया है।

45 यह एक विशेष शक्ति सम्पन्न अंक है। इस अंक से प्रभावित व्यक्तियों को प्रेम तथा मित्रता दोनों से सफलता तथा उसके द्वारा भाग्योदय प्राप्त होता है। इन व्यक्तियों को साझेदारी में भी लाभ होता है। भविष्य विषय के प्रश्न में यह एक शुभ अंक है।

46 यह अंक जीवन में अनिश्चितताएं और दूसरों से विश्वासघात और धोखेबाजी, संघर्ष और कठिनाइयां, अप्रत्याशित संकट, अविश्वसनीय मित्र और विपरीत लिंग के व्यक्तियों से धोखा दर्शाता है। भविष्य के विषय के प्रश्नों में यह अत्यंत अशुभ अंक माना जाता है।

47 इस अंक से प्रभावित व्यक्ति अत्यंत बुद्धिमान तथा प्रतिभा सम्पन्न होते है। वे आर्थिक संचय की ओर विशेष ध्यान न देकर अपने आपको मानसिक स्तर पर ऊँचा उठाने के लिए प्रयत्न करते है। इसके कारण यह अंक न शुभ है और न अशुभ है।

48 यह अंक अपने प्रभाव से पिछले अंक के लगभग समान ही है। इस अंक के प्रभाव से व्यक्ति अधिक स्वयंपूर्ण और अकेलापन अनुभव करने वाला होता है और वह अपने साथियों से दूर-दूर ही रहता है। सांसारिक या भौतिक दृष्टि से यह एक शुभ अंक नहीं माना जाता है।

49 इस अंक में भी अकेला अंक 5 , 14 और 23 संयुक्त अंको के समान मायावी शक्ति रखता है। इस अंक के व्यक्ति को बहुत व्यक्तियों या राष्ट्रों का सामुच्य या समुदाय का उच्चाधिकारी चुना जाता है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति स्वयं अपनी योजनाओं को कार्यान्वित करे तो निश्चित ही उन्हें सफलता प्राप्त होती है। परन्तु यदि वह अन्य व्यक्तियों की हठ या मूर्खतापूर्ण सलाह को मान्यता देंगे तो उनकी योजनायें असफल होंगी। भविष्य विषय में यह अंक शुभ अंक माना गया है।

50 इस अंक में अपनी ही अलग शक्ति निहित होती है। इस अंक को ‘योद्धा’ अथवा ‘विजयी’ का सूचक माना जाता है। यह सेना से सम्बन्धित व्यक्तियों के लिए अत्यंत सौभाग्यपूर्ण अंक है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति जिस क्षेत्र में भी कार्य करते है, उन्हें उन्नति प्राप्त होती है।

51 यह एक बहुत ही भाग्यशाली संख्या है जिसका अपना एक शक्तिशाली सामर्थ्य है। यह योद्धा की प्रकृति का प्रतिनिधित्व करता है और व्यक्ति जो कुछ भी करता है उसमें अचानक उन्नति का वादा करता है। यह सैन्य या नौसैनिक जीवन में और किसी भी कारण से नेताओं के लिए विशेष रूप से अनुकूल है। इसी समय, हालांकि, यह दुश्मनों को खतरे, खतरे और हत्या की संभावना को भी इंगित करता है।

52 यह एक दुर्भाग्यशाली अंक है। जो क्रान्ति, उथल-पुथल, झगड़ा-फसाद, असफलता और रुकावट का प्रतीक है। भविष्य के विषय में यह शुभ अंक नहीं माना गया है।


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अगर आपका नाम आपके अनुकूल नहीं है, तो आप अपने नाम के अक्षरों में या सरनेम के अक्षरों में थोड़ा बहुत आगे पीछे करके अपने नाम के प्रभाव को शुभ कर सकते है, जिससे आपका नाम उन्नति देने वाला बन सके।

Number
1
2
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Associated Element Fire
Water
Fire
Air
Air Earth
Water
Earth
Fire
Associated Planet
Sun
Moon
Jupiter
Uranus
Mercury
Venus  Neptune
Saturn  Mars
Associated Lord
Shri Surya Bhagavan
Shri Chandra Bhagavan
Shri Dakshinamoorthy / Guru
Shri Rahu Bhagavan
Shri Budha[n] Bhagavan
Shri Sukra[n] Bhagavan
Shri Ketu Bhagavan
Shri Sani / Shanaishwar
Shri Mangala / Angaraka / Kuja / Chevaai
Alphabets Associated A I J Q Y B K R C G L S D M T E H N X U V W O Z P F -

Alphabets abcdefghijklmnopqrstuvwxyz
Pythagorean Values 12345678912345678912345678
Chaldean Values 12345835112345781234666517
Kabbalah Values 21 2 3 4 5 7 8 9 10 11 3 12 13 14 15 16 3 17 18 19 19 1 1 6 0 18

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INAUSPICIOUS TIME OF THE WEEK

 DAY  RAHU KAAL  KETU KAAL
 MONDAY  07.30 - 09.00  01.30 - 03.00
 TUESDAY  15.00 - 16.30  12.00 - 13.30
 WEDNESDAY  12.00 - 13.30  10.30 - 12.00
 THURSDAY  13.30 - 15.00  09.30 - 10.30
 FRIDAY  10.30 - 12.00  07.30 - 09.00
 SATURDAY  09.00 - 10.30  06.00 - 07.30
 SUNDAY  16.30 - 18.00  15.00 - 16.30

Travelling to unknown destinations during Ketu Kaal is highly dangerous.
Starting any auspicious work during Rahu Kaal usually leads to unsuccessfulness.

Er. Rameshwar Prasad invites you to the Wonderful World of Numerology

Engineer Rameshwar Prasad

(B.Tech., M.Tech., P.G.D.C.A., P.G.D.M.)

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