लाल किताब में उपाय करने के अपने नियम हैं । इसलिए लाल किताब में उपाय कब और कैसें करें ये निम्न प्रकार से बतलाया गया है ।
सूर्य - जातक बाल्यावस्था में ही अपने पिता से अलग हो जाता है, उसके शरीर में विकार उत्पन्न हो जाते हैं, नेत्र रोग हो जाता है, यश कम मिलता है और नींद कम आती है।
चंद्र - घर में पानी की समस्या रहती है, कल्पनाशक्ति कमजोर हो जाती है, घर में दुधारू गाय या भैंस नहीं रहती और माता का स्वास्थ्य खराब रहता है।
बुध - जातक को नशे, सट्टे व जूए की लत लग जाती है और बेटी व बहन को दुख रहता है।
गुरु - विवाह में देरी होती है, सोना खोने लगता है, चोटी के बाल उड़ जाते हैं, शिक्षा में बाधा आती है और अपयश का शिकार होना पड़ता है।
शुक्र - जातक को प्रेम में धोखा मिलता है, उसका अंगूठा बेकार हो जाता है, त्वचा में विकार उत्पन्न होते हैं और वह स्वप्नदोष से ग्रस्त होता है।
शनि - घर में आगजनी होती है, मकान का नाश होता है, पलकों व भौंहों के बाल गिर जाते हैं और विपत्तियां आती रहती हैं।
राहु - हाथ के नाखून झड़ जाते हैं, पालतू कुत्ता मर जाता है, दिमाग गुम रहता है और शत्रु बढ़ जाते हैं।
केतु - पैरों के नाखून झड़ जाते हैं, जोड़ों में दर्द रहता है, मूत्र कष्ट होता है और पुत्र का स्वास्थ ठीक नहीं रहता है।
लाल किताब में किसी खराब ग्रह को शुभ करने के लिए उस ग्रह से संबंधित रिश्तेदार की सेवा करना व उसका आशीर्वाद लेना ऐसा करने से वह खराब ग्रह अपने आप ठीक होने लगता है। उदाहरणस्वरूप खराब सूर्य को ठीक करने के लिए जातक स्वयं राजा, पिता या सरकारी कर्मचारी की सेवा करे और उनका आर्शीवाद ले।
ग्रहों से संबंधित रिश्तेदार इस प्रकार हैं -
सूर्य - राजा, पिता या सरकारी कर्मचारी।
चंद्र - माता, सास या बुजुर्ग स्त्री।
मंगल - भाई, साले या मित्र।
बुध - बहन, बेटी या नौ वर्ष से कम आयु की कन्याएं।
गुरु - कुल पुरोहित, पिता या बुजुर्ग व्यक्ति।
शुक्र - पत्नी या कोई अन्य स्त्री।
शनि - नौकर, मजदूर या ताया।
राहु - ससुर या नाना।
केतु - लड़का, भतीजा या नौ वर्ष से कम आयु के लड़के।
ग्रहों के अन्य उपाय ऊपर लिखित उपायों के अतिरिक्त ग्रहों के दुष्प्रभावों के और भी अनेक सामान्य उपाय जिनका विवरण यहां प्रस्तुत है।
सूर्य - बहते पानी में गुड़ बहाएं, प्रत्येक कार्य मीठा खा कर व जल पी कर करें, सूर्यकाल में संभोग न करें, कुल रीति रिवाजों को मानें, सूर्य की वस्तुएं बाजरा आदि मुफ्त में न लें, अंधों को भिक्षा दें, पीतल के बर्तनों का उपयोग करें और सफेद टोपी पहनें।
चंद्र - चांदी के बर्तन में दूध या पानी पीएं, सोने को आग में लाल कर दूध से बुझाएं व दूध पीएं, चारपाई के पायों पर तांबे की कील गाड़ें, समुद्र में तांबे का पैसा डालें, शिवजी को आक के फूल चढ़ाएं, सफेद कपड़े में मिश्री व चावल बांधकर बहाएं, वटवृक्ष में पानी डालें, दूध का व्यापार न करें, श्मशान का पानी घर लाकर रखें और रात को दूध न पीएं।
मंगल - बुआ या बहन को लाल कपड़े दें, भाई की सहायता करें, रेवड़ियां बताशे पानी में बहाएं, आग से संबंधित काम करें, मीठी तंदूरी रोटी कुत्तों को डालें, तीन धातुओं की अंगूठी पहनें, चांदी गले में पहनें, मसूर की दाल पानी में बहाएं, नीम का पेड़ लगाएं, रोटी पकाने से पहले तवे पर पानी के छींटे दें, जंग लगा हथियार घर में न रखें, काने, गंजे या काले व्यक्ति से दूर रहें, और दूध वाला हलवा खाएं।
बुध - नाक छेदन न करें, तांबे का पैसा गले में डालें, कच्चा घड़ा जल में बहाएं, चांदी व सोने की जंजीर पहनें, किसी साधु से ताबीज न लें, मिट्टी के बर्तन को शहद से भर कर वीराने में दबाएं, पक्षियों की सेवा करें, गाय को हरी घास दें, बार-बार न थूकें, वर्षा का पानी छत पर रखें, साली को साथ न रखें, साझा काम न करें और ढाक के पत्तों को दूध से धोकर वीराने में दबाएं।
गुरु - मंदिर में 43 दिनों तक बादाम अर्पित करें, गंधक जल में बहायें, केसर पानी में बहाएं, नीले कपड़े में चना बांध कर मंदिर में दें, वायदा निभाएं, ईर्ष्या करने से बचें, पीपल न काटें, हल्दी व केसर का तिलक करें, पत्नी से गुरुवार का व्रत रखवाएं, परस्त्री गमन न करें।
शुक्र - गंदे नाले में 43 दिनों तक नीला फूल डालें, स्त्री का सम्मान करें, प्रेम व ऐयाशी से दूर रहें, किसी की जमानत न दें और कांसे के बर्तन का दान दें।
शनि - तेल या शराब 43 दिनों तक प्रातःकाल धरती पर गिराएं, कौओं को रोटी डालें, शराब व मांस का सेवन न करें, लोहे का दान दें, सुनसान जगह पर सुरमा दबाएं, चिमटे या अंगीठी का दान दें।
राहु - बहते पानी में नारियल बहाएं, हाथी के पांव की मिट्टी कुएं में डालें, संयुक्त परिवार में रहें, पत्नी के साथ फिर फेरे लें, रसोई में बैठकर खाना खाएं, ससुराल से संबंध न बिगाड़ें, भाई बहन का बुरा न करें, सिर पर चोटी रखें और रात को तकिये के नीचे सौंफ व चीनी रखें।
केतु - केसर का तिलक लगाएं, कुत्ता पालें, तिल का दान करें, परस्त्री गमन न करें, मकान की नींव में शहद दबाएं, काला व सफेद कंबल मंदिर में दान दें, पैरों के अंगूठों में चांदी पहनें, चाल-चलन ठीक रखें, गले में सोना पहनें, बाएं हाथ में सोने की अंगूठी पहनें।
1. आर्थिक समस्या के छुटकारे के लिए:
यदि आप हमेशा आर्थिक समस्या से परेशान हैं तो इसके लिए आप 21 शुक्रवार 9 वर्ष से कम आयु की 5 कन्यायों को खीर व मिश्री का प्रसाद बांटें।
2. घर और कार्यस्थल में धन वर्षा के लिए:
इसके लिए आप अपने घर, दुकान या शोरूम में एक अलंकारिक फव्वारा रखें। या एक मछलीघर जिसमें 8 सुनहरी व एक काली मछ्ली हो रखें। इसको उत्तर या उत्तरपूर्व की ओर रखें। यदि कोई मछ्ली मर जाय तो उसको निकाल कर नई मछ्ली लाकर उसमें डाल दें।
3. परेशानी से मुक्ति के लिए:
आज कल हर आदमी किसी न किसी कारण से परेशान है। कारण कोई भी हो आप एक तांबे के पात्र में जल भर कर उसमें थोडा सा लाल चंदन मिला दें। उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जांय। प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें। धीरे-धीरे परेशानी दूर होग ।
4. कुंवारी कन्या के विवाह हेतु:
१. यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें। भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर “ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें। विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी।
२. प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे। विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी।
5. व्यापार बढाने के लिए:
१. शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के दोनों तरफ बाहर की ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दें। ध्यान रहे ऐसा करते हुए आपको कोई देखे नही।
२. पूजा घर में अभिमंत्रित श्री यंत्र रखें।
३. शुक्र्वार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें। दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसों के तेल में बना लें। उसके तीन हिस्से कर लें। उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिला दें। दूसरा हिस्सा कुष्ठ रोगी को दे दें और तीसरा हिस्सा अपने सिर से घडी की सूई से उल्टे तरफ तीन बार वार कर किसी चौराहे पर रख दें। यह प्रयोग 40 दिन तक करें। कारोबार में लाभ होगा।
6. लगातार बुखार आने पर:
१. यदि किसी को लगातार बुखार आ रहा हो और कोई भी दवा असर न कर रही हो तो आक की जड लेकर उसे किसी कपडे में कस कर बांध लें। फिर उस कपडे को रोगी के कान से बांध दें। बुखार उतर जायगा।
२. इतवार या गुरूवार को चीनी, दूध, चावल और पेठा (कद्दू-पेठा, सब्जी बनाने वाला) अपनी इच्छा अनुसार लें और उसको रोगी के सिर पर से वार कर किसी भी धार्मिक स्थान पर, जहां पर लंगर बनता हो, दान कर दें।
३. यदि किसी को टायफाईड हो गया हो तो उसे प्रतिदिन एक नारियल पानी पिलायें। कुछ ही दिनों में आराम हो जायगा।
7. नौकरी जाने का खतरा हो या ट्रांसफर रूकवाने के लिए:
पांच ग्राम डली वाला सुरमा लें । उसे किसी वीरान जगह पर गाड दें। ख्याल रहे कि जिस औजार से आपने जमीन खोदी है उस औजार को वापिस न लायें। उसे वहीं फेंक दें दूसरी बात जो ध्यान रखने वाली है वो यह है कि सुरमा डली वाला हो और एक ही डली लगभग 5 ग्राम की हो। एक से ज्यादा डलियां नहीं होनी चाहिए।
8. कारोबार में नुकसान हो रहा हो या कार्यक्षेत्र में झगडा हो रहा हो तो:
यदि उपरोक्त स्थिति का सामना हो तो आप अपने वज़न के बराबर कच्चा कोयला लेकर जल प्रवाह कर दें। अवश्य लाभ होगा।
9. मुकदमें में विजय पाने के लिए:
यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें। जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है। परंतु याद रहे आपको चावल ले जाते या कोर्ट में फेंकते समय कोई देखे नहीं वरना लाभ नहीं होगा। यह उपाय आपको बिना किसी को पता लगे करना होगा।
10. धन के ठहराव के लिए:
आप जो भी धन मेहनत से कमाते हैं उससे ज्यादा खर्च हो रहा हो अर्थात घर में धन का ठहराव न हो तो ध्यान रखें को आपके घर में कोई नल लीक न करता हो। अर्थात पानी टप–टप टपकता न हो। और आग पर रखा दूध या चाय उबलनी नहीं चाहिये। वरना आमदनी से ज्यादा खर्च होने की सम्भावना रह्ती है।
11. मानसिक परेशानी दूर करने के लिए:
रोज़ हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें। प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें। अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें।
12. बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु के लिए:
१. एक काला रेशमी डोरा लें । “ऊं नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करते हुए उस डोरे में थोडी थोडी दूरी पर सात गांठें लगायें। उस डोरे को बच्चे के गले या कमर में बांध दें।
२. प्रत्येक मंगलवार को बच्चे के सिर पर से कच्चा दूध 11 बार वार कर किसी जंगली कुत्ते को शाम के समय पिला दें। बच्चा दीर्घायु होगा।
13. किसी रोग से ग्रसित होने पर:
सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें। अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें। सेहत ठीक रहेगी।
14. प्रेम विवाह में सफल होने के लिए:
यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो:
शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें। इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें। तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रशाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें।
15. नौकर न टिके या परेशान करे तो:
हर मंगलवार को बदाना (मीठी बूंदी) का प्रशाद लेकर मंदिर में चढा कर लडकियों में बांट दें। ऐसा आप चार मंगलवार करें।
16. बनता काम बिगडता हो, लाभ न हो रहा हो या कोई भी परेशानी हो तो:
हर मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में बदाना (मीठी बूंदी) चढा कर उसी प्रशाद को मंदिर के बाहर गरीबों में बांट दें।
17. यदि आपको सही नौकरी मिलने में दिक्कत आ रही हो तो:
१. कुएं में दूध डालें। उस कुएं में पानी होना चहिए।
२. काला कम्बल किसी गरीब को दान दें।
३. 6 मुखी रूद्राक्ष की माला 108 मनकों वाली माला धारण करें जिसमें हर मनके के बाद चांदी के टुकडे पिरोये हों।
18. अगर आपका प्रमोशन नहीं हो रहा तो:
१. गुरूवार को किसी मंदिर में पीली वस्तुये जैसे खाद्य पदार्थ, फल, कपडे इत्यादि का दान करें।
२. हर सुबह नंगे पैर घास पर चलें।
19. पति को वश में करने के लिए:
यह प्रयोग शुक्ल पक्ष में करना चाहिए। एक पान का पत्ता लें। उस पर चंदन और केसर का पाऊडर मिला कर रखें। फिर दुर्गा माता जी की फोटो के सामने बैठ कर दुर्गा स्तुति में से चँडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तक करें। पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगायें। और फिर तिलक लगा कर पति के सामने जांय। यदि पति वहां पर न हों तो उनकी फोटो के सामने जांय। पान का पता रोज़ नया लें जो कि साबुत हो कहीं से कटा फटा न हो। रोज़ प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें। 43 दिन के बाद उन पान के पत्तों को जल प्रवाह कर दें। शीघ्र समस्या का समाधान होगा।
20. यदि आपको धन की परेशानी है, नौकरी मे दिक्कत आ रही है, प्रमोशन नहीं हो रहा है या आप अच्छे करियर की तलाश में है तो यह उपाय कीजिए:
किसी दुकान में जाकर किसी भी शुक्रवार को कोई भी एक स्टील का ताला खरीद लीजिए। लेकिन ताला खरीदते वक्त न तो उस ताले को आप खुद खोलें और न ही दुकानदार को खोलने दें ताले को जांचने के लिए भी न खोलें। उसी तरह से डिब्बी में बन्द का बन्द ताला दुकान से खरीद लें। इस ताले को आप शुक्रवार की रात अपने सोने के कमरे में रख दें। शनिवार सुबह उठकर नहा-धो कर ताले को बिना खोले किसी मन्दिर, गुरुद्वारे या किसी भी धार्मिक स्थान पर रख दें। जब भी कोई उस ताले को खोलेगा आपकी किस्मत का ताला खुल जायगा।
21. यदि आप अपना मकान, दुकान या कोई अन्य प्रापर्टी बेचना चाहते हैं और वो बिक न रही हो तो यह उपाय करें:
बाजार से 86 (छियासी) साबुत बादाम (छिलके सहित) ले आईए। सुबह नहा-धो कर, बिना कुछ खाये, दो बादाम लेकर मन्दिर जाईए। दोनो बादाम मन्दिर में शिव-लिंग या शिव जी के आगे रख दीजिए। हाथ जोड कर भगवान से प्रापर्टी को बेचने की प्रार्थना कीजिए और उन दो बादामों में से एक बादाम वापिस ले आईए। उस बादाम को लाकर घर में कहीं अलग रख दीजिए। ऐसा आपको 43 दिन तक लगातार करना है। रोज़ दो बादाम लेजाकर एक वापिस लाना है। 43 दिन के बाद जो बादाम आपने घर में इकट्ठा किए हैं उन्हें जल-प्रवाह (बहते जल, नदी आदि में) कर दें। आपका मनोरथ अवश्य पूरा होगा। यदि 43 दिन से पहले ही आपका सौदा हो जाय तो भी उपाय को अधूरा नही छोडना चाहिए। पूरा उपाय करके 43 बादाम जल-प्रवाह करने चाहिए। अन्यथा कार्य में रूकावट आ सकती है।
22. यदि आप ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन से परेशान हैं तो:
इतवार की रात को सोते समय अपने सिरहाने की तरफ 325 ग्राम दूध रख कर सोंए। सोमवार को सुबह उठ कर सबसे पहले इस दूध को किसी कीकर या पीपल के पेड को अर्पित कर दें। यह उपाय 5 इतवार तक लगातार करें। लाभ होगा।
23. माईग्रेन या आधा सीसी का दर्द का उपाय:
सुबह सूरज उगने के समय एक गुड का डला लेकर किसी चौराहे पर जाकर दक्षिण की ओर मुंह करके खडे हो जांय। गुड को अपने दांतों से दो हिस्सों में काट दीजिए। गुड के दोनो हिस्सों को वहीं चौराहे पर फेंक दें और वापिस आ जांय। यह उपाय किसी भी मंगलवार से शुरू करें तथा 5 मंगलवार लगातार करें। लेकिन ध्यान रहे यह उपाय करते समय आप किसी से भी बात न करें और न ही कोई आपको पुकारे न ही आप से कोई बात करे। अवश्य लाभ होगा।
24. फंसा हुआ धन वापिस लेने के लिए:
यदि आपकी रकम कहीं फंस गई है और पैसे वापिस नहीं मिल रहे तो आप रोज़ सुबह नहाने के पश्चात सूरज को जल अर्पण करें। उस जल में 11 बीज लाल मिर्च के डाल दें तथा सूर्य भगवान से पैसे वापिसी की प्रार्थना करें। इसके साथ ही “ओम आदित्याय नमः “ का जाप करें।
उपायों से पूर्व उपाय
विभिन्न ग्रहों के विभिन्न उपाय करने से पहले निम्नलिखित उपाय अवश्य करें।
शाकाहारी भोजन करें, विधवाओं और अतिथियों की सेवा करें, माता पिता का आदर करें, किसी को अपशब्द न कहें, दिन में संभोग न करें, देवी देवताओं की पूजा करें, ससुराल के सदस्यों का सम्मान करें, शराब न पीएं, टूटे बर्तन घर में न रखें, घर में एक कच्ची जगह अवश्य रखें, प्रतिदिन बड़ों से आर्शीर्वाद लें और परस्त्री गमन न करें।
कुछ विशेष उपाय
बच्चे के सुरक्षित पैदाइश के लिए जौ का पानी बोतल में भरकर पास रख लें।
सुखी प्रसव हेतु व गर्भपात से बचने के लिए अपने भोजन का एक हिस्सा निकालकर कुत्तों को दें।
बार-बार गर्भपात होता हो, तो गर्भवती स्त्री के बाजू पर लाल धागा बांध दें।
बेटे से संबंध सुधारने के लिए काले सफेद कंबल मंदिर में दें।
कुछ विशेष सावधानियां
सूर्य भाव 7 या भाव 8 का हो तो सुबह व शाम को दान न करें।
चंद्र यदि भाव 6 का हो तो दूध या पानी दान न करें और यदि भाव 12 का हो तो साधु या महात्मा को खाना न दें और बच्चों को निःशुल्क शिक्षा न दिलाएं।
गुरु यदि भाव 7 का हो तो मंदिर के पुजारी को वस्त्र दान न करें और यदि 10 का हो तो मंदिर न बनवाएं।
शुक्र यदि भाव 9 का हो तो भिखारी को पैसा न दें और यदि 8 का हो तो सराय या धर्मशाला न बनवाएं।
किसी भी उपाय को करने के लिए मन में श्रद्धा का होना जरूरी है । पूरे मन से किया गया उपाय पूर्ण फल देता है व अधूरे मन से किया गया उपाय निष्फल रहता है । इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि आप कोई भी उपाय करें उसे निष्ठापूर्वक पूरे मन से श्रद्धापूर्वक करें। पूरे मन से व श्रद्धा से आप द्वारा किया गया उपाय आपके लिए कल्याणकारी सिद्ध होगा।
1. उपाय सूर्य निकलने के बाद सूर्य छिपने तक दिन के समय करें, रात के समय उपाय करना कई बार अशुभ फल दे सकता है। केवल चन्द्र ग्रहण का उपाय रात को किया जा सकता है ।
2. उपाय शुरू करने के लिए किसी खास दिन सोमवार या मंगलवार आदि, सक्रांति, अमावस्या या पूर्णिमा आदि का कोई विचार नहीं होगा।
3. आप का कोई खून का संबंधी रिश्तेदार जैसे भाई-बहन, माता-पिता, दादा-दादी, पुत्र-पुत्री आदि में से उपाय कर सकता है जो फलदाई होगा।
4. एक दिन में केवल एक ही उपाय करें, एक दिन में दो उपाय करने से शुभ फल नहीं मिलता या किया हुआ उपाय निष्फल हो सकता है।
5. जो परहेज बताए जाये जैसे मांस-मछली न खावें, मदिरा का सेवन न करें, चाल-चलन ठीक रखें, झूठ न बोलें, जूठन न खावें न खिलावें, नियत में खोट न रखें, परस्त्री-परपुरुष से संबंध न करें, आदि का विशेष ध्यान रखें।
6. जो उपाय जिस समय के लिये लिखा है उसी समय तक करें, आगे यह उपाय बंद कर देवें।
7. यदि किसी कारण उपाय बीच में बंद करना पड़ जाय तो जिस दिन उपाय बन्द करना है उससे एक दिन पहले थोड़े से चावल दूध से धोकर सफेद कपड़े में बांध कर पास रख लें और जब दुवारा उपाय शुरू करना हो वह चावल धर्म स्थान में या चलते पानी में या किसी बाग-बगीचे आदि में गिरा कर उपाय फिर शुरू कर दें। ऐसा करने से उपाय अधूरा नहीं माना जाएगा और पूरा फल मिलेगा।
8. हर उपाय 43 दिन या 43 सप्ताह या 43 मास या 43 वर्ष तक करना होता है, उपाय चलते समय बीच में टूट जाए चाहे 39वां दिन क्यों न हो सब निष्फल हो सकता है या शुभ फल में कमी रह सकती है।
9. जन्म कुण्डली में अशुभ ग्रहों का वर्षफल कुण्डली में उपाय अपने जन्मदिन से लेकर 40-43 दिन के भीतर ही करें।
10. घर में कोई सूतक (बच्चा जन्म हो) या पातक (कोई मर जाय) हो जाय तो 40 दिन उपाय नहीं करने चाहिये।
11. बुजुर्गों के रीति-रिवाजों को न तोडें और संस्कार पूरें करें।
लाल किताब उत्तर भारत में खास कर पंजाब में बहुत प्रसिद्ध है। अब इसका प्रचार धीरे-धीरे पूरे भारत में हो रहा है। इसकी लोकप्रियता का मुख्य कारण इसके आसान, सस्ते और सटीक उपाय हैं। इसमें कई उपाय ग्रहों की बजाय लक्षणों से बताये जाते हैं। आपके लाभ के लिए कुछ सिद्ध उपाय निम्न प्रकार से हैं –
1. यदि आपको धन की परेशानी है, नौकरी मे दिक्कत आ रही है, प्रमोशन नहीं हो रहा है या आप अच्छे करियर की तलाश में है तो यह उपाय कीजिए:
किसी दुकान में जाकर किसी भी शुक्रवार को कोई भी एक स्टील का ताला खरीद लीजिए। लेकिन ताला खरीदते वक्त न तो उस ताले को आप खुद खोलें और न ही दुकानदार को खोलने दें ताले को जांचने के लिए भी न खोलें। उसी तरह से डिब्बी में बन्द का बन्द ताला दुकान से खरीद लें। इस ताले को आप शुक्रवार की रात अपने सोने के कमरे में रख दें। शनिवार सुबह उठकर नहा-धो कर ताले को बिना खोले किसी मन्दिर, गुरुद्वारे या किसी भी धार्मिक स्थान पर रख दें। जब भी कोई उस ताले को खोलेगा आपकी किस्मत का ताला खुल जायगा।
2. यदि आप अपना मकान, दुकान या कोई अन्य प्रापर्टी बेचना चाहते हैं और वो बिक न रही हो तो यह उपाय करें:
बाजार से 86 (छियासी) साबुत बादाम (छिलके सहित) ले आईए । सुबह नहा-धो कर, बिना कुछ खाये, दो बादाम लेकर मन्दिर जाईए। दोनो बादाम मन्दिर में शिव-लिंग या शिव जी के आगे रख दीजिए। हाथ जोड कर भगवान से प्रापर्टी को बेचने की प्रार्थना कीजिए और उन दो बादामों में से एक बादाम वापिस ले आईए। उस बादाम को लाकर घर में कहीं अलग रख दीजिए। ऐसा आपको 43 दिन तक लगातार करना है। रोज़ दो बादाम ले जा कर एक वापिस लाना है। 43 दिन के बाद जो बादाम आपने घर में इकट्ठा किए हैं उन्हें जल-प्रवाह (बहते जल, नदी आदि में) कर दें। आपका मनोरथ अवश्य पूरा होगा। यदि 43 दिन से पहले ही आपका सौदा हो जाय तो भी उपाय को अधूरा नही छोडना चाहिए। पूरा उपाय करके 43 बादाम जल-प्रवाह करने चाहिए। अन्यथा कार्य में रूकावट आ सकती है।
3. यदि आप ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन से परेशान हैं तो:
इतवार की रात को सोते समय अपने सिरहाने की तरफ 325 ग्राम दूध रख कर सोंए। सोमवार को सुबह उठ कर सबसे पहले इस दूध को किसी कीकर या पीपल के पेड को अर्पित कर दें। यह उपाय 5 इतवार तक लगातार करें। लाभ होगा।
4. माईग्रेन या आधा सीसी का दर्द का उपाय:
सुबह सूरज उगने के समय एक गुड का डला लेकर किसी चौराहे पर जाकर दक्षिण की ओर मुंह करके खडे हो जांय। गुड को अपने दांतों से दो हिस्सों में काट दीजिए। गुड के दोनो हिस्सों को वहीं चौराहे पर फेंक दें और वापिस आ जांय। यह उपाय किसी भी मंगलवार से शुरू करें तथा 5 मंगलवार लगातार करें। लेकिन ध्यान रहे यह उपाय करते समय आप किसी से भी बात न करें और न ही कोई आपको पुकारे न ही आप से कोई बात करे। अवश्य लाभ होगा।
5. फंसा हुआ धन वापिस लेने के लिए:
यदि आपकी रकम कहीं फंस गई है और पैसे वापिस नहीं मिल रहे तो आप रोज़ सुबह नहाने के पश्चात सूरज को जल अर्पण करें। उस जल में 11 बीज लाल मिर्च के डाल दें तथा सूर्य भगवान से पैसे वापिसी की प्रार्थना करें। इसके साथ ही “ओम आदित्याय नमः “ का जाप करें।
नोट:
1) एक समय में केवल एक ही उपाय करें।
2) लाल किताब के सभी उपाय दिन में ही करने चाहिए। अर्थात सूरज उगने के बाद व सूरज डूबने से पहले।
3) सच्चाई व शुद्ध भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
4) किसी भी उपाय के बीच मांस, मदिरा, झूठे वचन, परस्त्री गमन की विशेष मनाही है।
5) सभी उपाय पूरे विश्वास व श्रद्धा से करें, लाभ अवश्य होगा।
6) उपाय कम से कम 40 दिन और अधिक से अधिक 43 दिनो तक करें।
7) उपाय में नागा ना करें यदि किसी करणवश नागा हो तो फिर से प्रारम्भ करें।
8) उपाय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक करें ।
9) उपाय खून का रिश्तेदार (भाई, पिता, पुत्र इत्यादि) भी कर सकता है।
Engineer Rameshwar Prasad(B.Tech., M.Tech., P.G.D.C.A., P.G.D.M.) Vaastu International
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