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लाल किताब में बुध ग्रह को हरा ग्रह बताया गया है। बुध ग्रह का यह हरा रंग बृहस्पति के पीले और राहु के नीले रंग को मिलाने के बाद बनता है। अर्थात बृहस्पति और राहु के एकत्रित होने में बुध का प्रभाव देखने को मिलेगा। हालाँकि सूर्य, शुक्र और राहु, बुध के मित्र ग्रह हैं। जबकि चंद्रमा ग्रह बुध का शत्रु कहलाता है। वहीं लाल किताब के इतर, वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को एक तटस्थ ग्रह माना गया है, जो कि शुभ ग्रहों के साथ मिलकर अच्छे फल देता है और अशुभ ग्रहों के साथ इसकी युति जातकों के लिए अशुभ होती है।
लाल किताब के अनुसार, सूर्य के साथ मिलने से बुध के दोष नष्ट हो जाते हैं। जबकि शुक्र (मिट्टी) इसकी हरियाली को बनाए रखता है। यद्यपि राहु और बुध के बीच मित्रता है, परंतु ये दोनों कुंडली में एक साथ नहीं होने चाहिए। दोनों अलग-अलग भाव में ही रहें तो ही जातकों के लिए अच्छा होता है। लाल किताब के अनुसार, बुध से चंद्रमा बैर का भाव रखता है। हालाँकि बुध चंद्र ग्रह को शत्रु नहीं मानता है। बल्कि चंद्रमा के चतुर्थ भाव में बुध उत्तम फलदायी होता है। वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी होता है। जबकि लाल किताब में बुध ग्रह कुंडली के तीसरे और छठे खाने का स्वामी है।
बुध ग्रह को संवाद, बुद्धि, विवेक, गणित, तर्क और मित्र का कारक होता है। बुध का प्रभाव व्यक्ति के बोलने के स्वभाव पर पड़ता है। इसके साथ ही व्यक्ति कितना बुद्धिमान और विवेकशील होगा यह भी बुध ग्रह की स्थिति से पता चलता है। यदि किसी व्यक्ति के टेवा (कुंडली) में बुध ग्रह पीड़ित या कमज़ोर होता है तो जातक को गणित, रीज़निंग और संवाद में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वहीं बुध की स्थिति मजबूत होने पर जातक को इसके बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं।
लाल किताब के अनुसार बुध ग्रह का संबंध हरियाली, बुद्धि, खाली स्थान, मुहर, ठठेरा, नकल, नकलची, दलाल, सट्टेबाज़, हिजड़ा, ध्यानी, बहन, लड़की, साली, मौसी, नर्स, तोता, भेड़, बकरी, मेंढ़ा, चमगादढ़, मूंग, पन्ना, हरा रंग, ढाक, नाक, दांत, जबान, मुँह का स्वाद, बांस, शीशा, ढोलक, रेडियो, तबला, सारंगी, राग, कोरा काग़ज़, सितार, टोपी, नाड़ा, सूखी घास, सीढ़ी, हींग, शंख, सीप, कली, मटका, अंडा, प्याज़, लोटा, चेचक, पूँछ, चौड़े पत्ते वाले वृक्ष आदि से होता है।
बुध ग्रह शुभा-शुभ (अच्छा और ख़राब) ग्रह है। यदि किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह बली है तो इससे जातक को बुध के सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं। वहीं इसके विपरीत यदि जातक की जन्म कुंडली में बुध की स्थिति कमज़ोर होती है तो इससे जातक को नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं बुध के नकारात्मक और सकारात्मक परिणाम क्या हैः-
सकारात्मक प्रभाव - बुध के सकारात्मक प्रभाव से जातक की संवाद शैली बहुत जबरदस्त होती है और वह बुद्धिमान होता है। जातक अपनी हाज़िर जवाबी से समाज में अपना प्रभाव छोड़ता है। बुध के सकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति की तार्किक क्षमता तीव्र होती है तथा वह गणित विषय में भी अच्छा होता है।
नकारात्मक प्रभाव - बुध के नकारात्मक प्रभाव से जातक को बोलने में परेशानी का सामना करना पडता है तथा वह गणित विषय में कमज़ोर होता है और उसे गणना करने में परेशानी होती है। इसके साथ ही जातक की तार्किक क्षमता बहुत कमजोर होती है। पीड़ित बुध के प्रभाव से व्यक्ति को क़ारोबार में हानि होती है। व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है।
ज्योतिष में लाल किताब के उपाय को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। अतः लाल किताब में बुध ग्रह की शांति के टोटके जातकों के लिए बहुत ही लाभकारी और सरल होते हैं। अतः इन्हें कोई भी व्यक्ति आसानी से स्वयं कर सकता है। बुध ग्रह से संबंधित लाल किताब के उपाय करने से जातकों को बुध ग्रह के सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं। ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक का बुध कमज़ोर हो तो उसे पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। यदि जातक रत्न को ख़रीद पाने में समर्थ न हो तो उसे विधारा मूल को पहनना चाहिए। इसके अलावा चार मुखी रुद्राक्ष को बुध ग्रह के लिए धारण किया जाता है। बुध ग्रह से संबंधित लाल किताब के उपाय निम्नलिखित हैंः
लाल किताब के उपाय ज्योतिष विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित हैं। अतः ज्योतिष में इस पुस्तक को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। उम्मीद है कि बुध ग्रह से संबंधित लाल किताब में दी गई यह जानकारी आपके कार्य को सिद्ध करने में सफल होगी।
लाल किताब में बुध ग्रह को हरे रंग का ग्रह बताया गया है। कुंडली के प्रत्येक भाव में बुध ग्रह का प्रभाव भिन्न-भिन्न रूप से पड़ता है और कुंडली के 12 खानों (भाव) का संबंध व्यक्ति के जीवन के सभी महत्वपूर्ण पक्षों से होता है। आइए जानते हैं लाल किताब के अनुसार बुध ग्रह का 12 भावों में फल और बुध ग्रह शांति के उपाय:
पहले घर में स्थित बुध जातक को दयालु, विनोदी और प्रशासनिक कौशल के साथ राजनयिक बनाता है। आमतौर पर ऐसा लम्बे समय तक जीता है, स्वार्थी हो जाता है तथा स्वभाव से नटखट होकर, मांशाहार और मदिरा पान की ओर आकृष्ट हो जाता है। जातक को सरकार से मदद मिलती है और उसकी बेटियां राजसी जीवन जीती हैं। जिस भाव में सूर्य बैठा है उस भाव से संबंधित रिश्तेदार बहुत कम समय में खूब पैसा कमा कर धनवान बन जाते हैं। स्वयं जातक के पास भी आमदनी के कई स्रोत होते हैं। यदि सूर्य बुध के साथ पहले भाव में हो अथवा बुध सूर्य के द्वारा देखा जाता हो तो जातक की पत्नी किसी अमीर और कुलीन परिवार से आएगी और अच्छे स्वभाव वाली होगी। ऐसा जातक मंगल से दुष्प्रभावी हो सकता है लेकिन इसे सूर्य से बुरे परिणाम नहीं मिलेंगे। राहु और केतु बुरे प्रभावी होंगे जो जातक के वंशजों और ससुराल वालों के लिए हानिकारक होंगे। पहले घर में स्थित बुध के कारण जातक दूसरों को प्रभावित करने की कला में माहिर होगा और वह किसी राजा की तरह जिएगा। पहले घर में बुध नीच का हो और चंद्रमा सातवें घर में हो तो जातक नशे के कारण अपना विनाश कर लेता है।
उपाय:
(1) हरे रंग और शालियों से यथासंभव दूर रहें।
(2) अंडा, मांस और मदिरा का सेवन न करें।
(3) घूम फिर कर करने वाले व्यापार से एक ही स्थान पर बैठ कर करने वाला व्यापार अच्छा और फायदेमंद रहेगा।
दूसरे भाव में स्थित बुध जातक को बुद्धिमान, आत्मकेन्द्रित, दुश्मनों का विनाशक और धोखेबाज बनाता है। वह अपने पिता को पर्याप्त सुख देने में सक्षम होगा। वह धनवान होगा। मंगल और शुक्र से संबंधित चीजें फायदेमंद रहेंगी।
(1) अंडे, मांस और शराब से बचें।
(2) शालियों से संबंध हानिकारक होंगे।
(3) भेड़, बकरी, और तोता पालना सख्त वर्जित है।
तीसरे घर में बुध अच्छा नहीं माना जाता। बुध ग्रह, मंगल ग्रह शत्रु है लेकिन मंगल ग्रह बुध से शत्रुता नहीं मानता। इसलिए जातक अपने भाई से लाभ प्राप्त करते हैं, लेकिन वह अपने भाई या दूसरों के लिए फायदेमंद नहीं होगा। इसके नौवें तथा ग्यारहवें घर में दृष्टि प्रभाव के कारण जातक की आय और पिता की हालत पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
उपाय:
(1) हर रोज फिटकिरी से अपने दाँत साफ करें।
(2) पक्षियों की सेवा करें और एक बकरी दान करें।
(3) दक्षिण्मुखी घर में न रहें।
(4) अस्थमा की दवाएं वितरित करें।
चौथे घर में बुध वाला जातक भाग्यशाली माना जाता है, अपनी माँ का दुलारा, अच्छा व्यापारी और सरकार से लाभ पाने वाला होता है। हालांकि इस घर में बुध जातक की आय और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
उपाय:
(1) मानसिक शांति के लिए चांदी की चेन पहने और धन-संपत्ति पाने के लिए सोने की चेन पहनें।
(2) माथे पर 43 दिनों के लिए नियमित रूप से केसर का तिलक लागाएं।
(3) बंदरों को गुड खिलाएं और उनकी सेवा करें।
इस घर में बुध जातक को खुश, अमीर और बुद्धिमान बनाता है। जातक के मुह से अचानक निकली बातें सच हो जाया करेंगी। यह स्थिति और भी बेहतर होगी यदि चंद्रमा या कोई पुरुष ग्रह तीसरे, पांचवें, नौवें या ग्यारहवें घर में स्थित हो। लेकिन यदि चंद्रमा और बृहस्पति अच्छे भावों में न हों तो बुध हानिकारक हो जाता है।
उपाय:
(1) धन प्राप्त करने के लिए सफेद धागे में तांबे का एक सिक्का पहनें।
(2) जीवनसाथी की प्रसन्न्ता और अच्छी किस्मत लिए गायों की सेवा करें।
(3) गोमुखी घर (सामने संकीर्ण और अंत में व्यापक) अत्यधिक शुभ साबित होगा जबकि शेरमुखी घर (सामने व्यापक और अंत में संकरा) अत्यधिक विनाशकारी साबित होगा।
छठवें घर में बुध उच्च का होता है। जातक आत्मनिर्भर और कृषि भूमि, स्टेशनरी, प्रिंटिंग प्रेस और व्यापार से लाभ प्राप्त करने वाला होता है। उसके मुंह से निकलने वाले शब्द चाहे अच्छे हों या बुरे, कभी भी बेकार नहीं जाते। उत्तर दिशा की ओर मुंह वाला घर बुरे प्रभाव देगा। उत्तर दिशा में बेटी की शादी करने से जातक को हर तरह से दु:ख मिलेगा।
उपाय:
(1) कृषि भूमि में गंगा जल से भरा बोतल दफनाएं।
(2) अपनी पत्नी के बाएं हाथ में चांदी की एक अंगूठी पहनांए।
(3) किसी भी महत्वपूर्ण काम की शुरुआत किसी कन्या या बेटियों की उपस्थिति में करें अथवा हाँथ में फूल लेकर करना शुभ रहेगा।
पुरुष कुंडली में सातवें घर में स्थित बुध जातक के शुभचिंतकों के लिए शुभ परिणाम देता है। स्त्री जातक की कुण्डली में भी यह अच्छा परिणाम देता है। जातक की कलम में तलवार से ज्यादा ताकत होगी। जातक की शाली हर लिहाज़ से सहयोगी सिद्ध होगी। यदि चन्द्रमा पहले भाव में स्थित हो तो विदेश यात्रा लाभकारी रहेगी। तीसरे भाव में स्थित शनि ससुराल वालों को अमीर बनाता है।
उपाय:
(1) साझेदारी के व्यापार से बचें।
(2) सट्टेबाजी से बचें।
(3) खराब चरित्र वाली साली से सम्बन्ध न रखें।
आठवें घर में स्थित बुध बहुत बुरे प्रभाव देता है। लेकिन यदि इसके साथ कोई पुरुष ग्रह बैठा तो बुध अपने साथ बैठे ग्रह के फलों को और अच्छा करेगा।जातक एक कठिन जीवन जीता है, रोगों से पीड़ित रहता है और 32 से 34 साल उम्र के दौरान उसकी आमदनी आधी हो जाती है। यदि दूसरे भाव में कोई ग्रह हों तो परिणाम और अधिक हानिकारक होते हैं। यदि राहु भी इसी घर में हो तो जातक को जेल जाना पड सकता है, अस्पताल में भर्ती होना पड सकता है या जगह जगह भटकना पड सकता है। परिणाम और भी बुरा होता है यदि मंगल भी यहीं बैठा हो। यहां का बुध सरकारी विवाद पैदा करवाता है। साथ ही रक्त विकार, नेत्र विकार, दांत और नस में दर्द साथ की साथ व्यापार में भारी नुकसान देता है।
उपाय:
(1) किसी मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर यह श्मशान या सुनसान क्षेत्र में दफनाएँ।
(2) किसी कंटेनर में दूध अथवा बारिश का पानी भरकर घर की छत पर रखें।
(3) अपनी बेटी की नाक में बाली पहनाएं।
नौवें घर में भी बुध बहुत बुरा प्रभाव देता है क्योकि यह बृहस्पति का घर होता है और बुध उसका शत्रु ग्रह है। यह लगातार मानसिक बेचैनी और विभिन्न प्रकार की मानहानि का कारण बनता है। यदि चंद्रमा केतु, और बृहस्पति 1, 3, 6, 7, 9 और 11 घरों में हों तो, बुध अधिक फायदेमंद परिणाम नहीं देता।
उपाय:
(1) हरे रंग के प्रयोग से बचें।
(2) अपनी नाक छिदवायें।
(3) किसी मिट्टी के बर्तन में मशरूम भरकर धार्मिक जगह दान करें।
(4) किसी साधु या फ़कीर से कोई ताबीज़ न लें।
दसम भाव का बृहस्पति सरकार की ओर से सहयोग प्रदान करता है। आजीविका के अच्छे साधन देता है। जातक को अपना काम हर तरह से करना आता है। किसी शेरमुखी घर में व्यापार करना जातक के लिए अच्छा रहेगा लेकिन ऐसे घर में निवास करना विनाशकारी होगा।
उपाय:
1) शराब, मांस, अंडे और बहुत अधिक भोजन खाने से बचें।
(2) चावल और दूध धार्मिक स्थानों में दान करें।
बुध इस घर में बुरा परिणाम देता है क्योंकि यह घर बृहस्पति का है और इनकी आपस में शत्रुता है। 34 की उम्र में जातक कोई बहुत बडा मूर्खता का काम करता है। यहां बुध धन की हानि, मानसिक शांति की हानि और प्रतिष्ठा के नुकसान का कारण बनता है। यहां तक कि जातक की कड़ी मेहनत को भी सम्मानित नहीं किया जाता। लेकिन जातक के बच्चे अच्छी तरह से शिक्षित होते हैं और उनका विवाह बहुत अमीर और कुलीन परिवारों में होता है।
उपाय:
(1) गर्दन में किसी सफेद धागे या चांदी की चेन में तांबे का गोल सिक्का पहनें।
(2) अपने घर में विधवा बहन या बुआ को न रखें।
(3) हरे रंग और पन्ना रत्न से बचें।
(4) साधु या फ़कीर की दी हुई ताबीज़ न लें।
यहां पर स्थित बुध जातक की रातों की नीद खराब करता है और कई तरह की परेशानियों का कारण बनता है। जातक मन की शांति खो देता है और अक्सर सिर दर्द से पीड़ित रहता है। जातक दीर्घायु होता है लेकिन बीमार रहता है। लेकिन यदि बुध इस घर में शनि के साथ हो तो बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं। इस भाव में शनि, सूर्य और बुध साथ होने पर भी अच्छे परिणाम मिलते हैं। यदि जातक की बेटियां, बहन, बुआ और भतीजी जातक के साथ उसके घर में रहती हैं तो दुखी रहती हैं। ऐसा जातक आम तौर पर आत्म प्रशंसक और चिड़चिडे स्वभाव का होता है। यदि उसके दिमाग में सही या गलत कोई भी बात घर कर गई है तो वह उसी को हर तरह से सही मानेगा। यदि ऐसा जातक शराब पीने लगता है तो वह घमंडी हो जाता है। व्यापारिक जुआ या सट्टेबाजी जातक के लिए हानिकारक साबित होगी। 25 वें वर्ष में विवाह जातक की पत्नी और पिता के लिए हानिकारक साबित होगा।
उपाय:
(1) नदी में एक नया खाली घड़ा फेंकें।
(2) स्टेनलेस स्टील की एक अंगूठी पहनें।
(3) केसर का तिलक लगाएं और धार्मिक स्थानों पर जाएँ।
(4) किसी भी नए या महत्वपूर्ण काम को शुरू करने से पहले किसी अन्य व्यक्ति की सलाह लें।
Engineer Rameshwar Prasad(B.Tech., M.Tech., P.G.D.C.A., P.G.D.M.) Vaastu International
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