भारतीय वास्तुशास्त्र जिस मौलिक सिद्धांत पर काम करता है, वह है घर और जीवन में पॉजिटिव एनर्जी (सकारात्मक ऊर्जा) में वृद्धि और नेगेटिव एनर्जी (नकरात्मक ऊर्जा) को नष्ट करना।
सामान्य तौर यदि घर में या घर के आस-पास कोई ऐसी संरचना, पेड़े-पौधे, वस्तु आदि जिनसे नेगेटिव एनर्जी (नकरात्मक ऊर्जा) में वृद्धि होती है, तो वह वास्तुशास्त्र के अनुसार गंभीर वास्तुदोष माना जाता है। इन वास्तुदोषों को दूर कर घर और जीवन को बुरे प्रभावों से बचाया जा सकता है और पॉजिटिव एनर्जी (सकारात्मक ऊर्जा) को बरकार रखा जा सकता है:
प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक अलग आभामंडल होता है। आभामंडल का अर्थ है हमारे शरीर के आसपास रहने वाली अदृश्य ऊर्जा। यही ऊर्जा समाज और घर-परिवार में हमारी अच्छी या बुरी छबि निर्मित करती है। जिस प्रकार इंसान का आभामंडल होता है, ठीक उसी प्रकार हमारे घर का भी आभामंडल होता है।
यदि आपके घर का आभामंडल सकारात्मक और शुभ होगा तो समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। यदि घर में नकारात्मक ऊर्जा रहेगी तो आभामंडल भी बुरा असर दिखा सकता है। इसी वजह से घर में ऐसी बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे घर के आभामंडल से हमें भी सकारात्मक ऊर्जा मिलती रहे।
यदि घर में कोई वास्तु दोष होता है तो नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यहां जानिए ऐसी छोटी-छोटी बातें और उपाय जो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाएंगे …
1. घर का प्रवेश द्वार सदैव साफ रखना चाहिए। प्रवेश द्वार पर हमेशा पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए। ऐसा करने पर घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा आती है।
2. यदि संभव हो तो प्रवेश द्वार पर लकड़ी की थोड़ी ऊंची दहलीज बनवाएं। जिससे बाहर का कचरा अंदर ना सके। कचरा भी वास्तु दोष बढ़ाता है।
3. प्रवेश द्वार पर गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर या स्टीकर आदि लगाए जा सकते हैं। यदि आप चाहे तो दरवाजे पर ऊँ भी लिख सकते हैं। घर के प्रवेश द्वार पर ये शुभ चिह्न बनाने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
4. प्रवेश द्वार के सामने फूलों की सुंदर तस्वीर लगाएं। द्वार के सामने लगाने के लिए सूरजमुखी के फूलों की तस्वीर पवित्र और शुभ मानी गई है।
5. घर के नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र) में अंधेरा न रखें तथा वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम क्षेत्र) में तेज रोशनी का बल्व न लगाएं।
6. घर के सदस्य परस्पर सहयोग व शांति से रहें। लड़ने-झगड़ने अथवा चिल्लाकर बोलने से आभामंडल पर बुरा असर होता है।
7. घर के आसपास यदि कोई सूखा पेड़ या ठूंठ है तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। वास्तु के अनुसार सूखे पेड़ या ठूंठ से घर में नकारात्मक ऊर्जा में बढ़ोतरी हो सकती है। घर के आसपास सुंदर और हरे-भरे वृक्ष होना चाहिए।
8. घर में तुलसी का पौधा रहता है तो कई प्रकार के वास्तु दोष दूर रहते हैं। तुलसी के पौधे का पास रोज शाम को दीपक भी लगाना चाहिए।
9. इंटीरियर डेकोरेशन के लिए कुछ ऐसी कलाकृतियों का प्रयोग होता है जो सूखे ठूंठ या नकारात्मक आकृति के होते हैं। ये सभी मृतप्राय: सजावटी वस्तुएं वास्तु शास्त्र में अच्छे नहीं माने जाते हैं अत: इनके प्रयोग से भी बचें।
10. यदि ड्रॉइंगरूम में फूलों को सजाते हैं तो ध्यान दें कि उन्हें प्रतिदिन बदलते रहना जरुरी है। चूंकि जब ये फूल मुरझा जाते हैं तो इनसे नकारात्मक ऊर्जा निकलने लगती है।
11. कभी-कभी बेडरूम की खिड़की से नकारात्मक वस्तुएं दिखाई देती हैं जैसे- सूखा पेड़, फैक्ट्री की चिमनी से निकलता हुआ धुआं आदि। ऐसे दृश्यों से बचने के लिए खिड़कियों पर परदा डाल दें।
12. किसी भी भवन के मुख्य द्वार के पास या बिल्कुल सामने बिजली के ट्रांसफार्मर लगे होते हैं जिनसे चिंगारियां निकलती हैं। ऐसे दृश्य भी नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं।
13. पुराने भवन के भीतर कमरों की दीवारों पर सीलन पैदा होने से बनी भद्दी आकृतियां भी नकारात्मक ऊर्जा का सूचक होती हैं। ऐसी दीवारों की तुरंत रिपेयरिंग करवा लें।
14. घर की छत पर कबाड़ा अथवा फालतू सामान न रखें। यदि जरुरी हो तो एक कोने में रखें। कबाड़ा व फालतू सामान रखने से परिवार के सदस्यों के मन-मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है। इससे पितृ दोष भी लगता है।
15. घर जितना प्राकृतिक लगेगा उतना ही उसका आभामंडल उन्नत होगा। घर का प्राकृतिक रूप देने के लिए आस-पास पेड़-पौधे, चारों ओर खुला हुआ स्थान, दूर से दिखने वाली दीवारों पर प्राकृतिक पत्थर, गमले आदि का उपयोग करें।
16. घर की आभा को कायम रखने के लिए जरुरी है कि घर का प्लास्टर उखड़ा हुआ न हो। यदि कहीं से थोड़ा सा भी प्लास्टर उखड़ जाए तो तुरंत उसे दुरुस्त करवाएं।
17. घर में कलर करवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि पेंट एक सा हो। शेड एक से अधिक हो सकते हैं लेकिन शेड्स का तालमेल ठीक होना चाहिए।
18. घर के आस-पास कोई गंदा नाला, गंदा तालाब, शमशान घाट या कब्रिस्तान नहीं होना चाहिए। इससे भी आभामंडल को अधिक फर्क पड़ता है।
19. घर कितना ही पुराना हो, समय-समय पर उसकी मरम्मत, रंग-रोगन आदि कार्य करवाते रहना चाहिए ताकि नयापन व ताजगी बनी रहे।
20. घर में जो घडिय़ां बंद पड़ी हों, उन्हें या तो घर से हटा दें या चालू करें। बंद घडिय़ां हानिकारक होती हैं। इनसे नकारात्मक ऊर्जा निकलती है।
21. घर को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त रखने के लिए पूर्व दिशा में मिट्टी के एक छोटे से पात्र में नमक भर कर रखें और हर चौबीस घंटे के बाद नमक बदल दें।
22. अपने ऑफिस में पूर्व दिशा में लकड़ी से बनी ड्रैगन की एक मूर्ति रखें। इससे ऊर्जा एवं उत्साह प्राप्त होगा।
23. घर या दफ्तर में झाड़ू का जब इस्तेमाल न हो रहा हो, तब उसे नजऱों के सामने से हटाकर रखें।
24. यदि घर का मुख्य द्वार उत्तर, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम में हो तो उसके ऊपर बाहर की तरफ घोड़े की नाल लगा देना चाहिए। इससे सुरक्षा एवं सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
25. कमरों में पूरे फर्श को घेरते हुए कालीन आदि बिछाने से लाभदायक ऊर्जा का प्रवाह रुकता है।
घर के बाहर नेमप्लेट -
घर के बाहर नेमप्लेट लगाने के पीछे एक विज्ञान छिपा है। इससे घर के अंदर प्रवेश करने वाली सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव घर के मालिक के जीवन पर पड़ता है। उसे अच्छे अवसर प्राप्त होते हैं। नेमप्लेट, जितनी साफ और चमकदार होगी, नकारात्मक ऊर्जा उतनी दूर रहेगी। जिस घर की नेमप्लेट गंदी रहती है, वहां नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।
हर शाम दीया जलाना -
हर रोज शाम को अगर साफ-सफाई करने के बाद अगर घर के बाहर दीया जलाते हैं तो नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता और बुरी आत्माएं दूर रहती हैं।
गिलास में नींबू -
नकारात्म्क ऊर्जा ऊर्जा को दूर भगाने के लिये एक कांच के गिलास में पानी लें और उसमें एक नींबू डाल दें। इस पानी को हर शनिवार नियमपूर्वक बदलें। यह गिलास घर में सुविधानुसार कहीं भी रख सकते हैं।
रसोई में दवाएं नहीं -
तमाम लोग रसोईघर में रखे फ्रिज में दवाएं रख देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिये। इससे बीमारियां घर में आती हैं। रसोई स्वास्थ्य और खुशी का प्रतीक है, जबकि दवाएं बीमारी और गम का प्रतीक हैं।
मन को स्वच्छ रखें -
घर में हर रोज नियम से 15 से 20 मिनट का मंत्रोच्चारण करें। अगर आपके पास समय नहीं है, तो आप म्यूजिक सिस्टम पर भी मंत्र को चला सकते हैं। ऐसा करने से घर के हर सदस्य का मन शांत रहता है। और घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
बेडरूम में शीशा नहीं -
घर के मास्टर बेडरूम में शीशा नहीं होना चाहिये। यदि आपके बेडरूम में ड्रेसिंग टेबल या अलमारी पर शीशा लगा है, तो सोते वक्त उस पर पर्दा डाल दें। शीशा बिस्तर से दूर होना चाहिये, नहीं तो झगड़ा या बीमारी घर कर सकती है।
अगर अंधेरा है तो -
अगर घर के किसी कोने में अंधेरा रहता है, तो वहां हर हफ्ते नियमित रूप से गंगा जल डालें। हो सके तो रौशनी करने के लिये लाइट की व्यवस्था करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा वहां रुकेगी नहीं।
घर में विंड चाइंम्स लगायें -
घर में विंड चाइंम्स जरूर लगानी चाहिये। घर में अगर अगर नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर भी चुकी है तो विंड चाइंम्स से उत्पन्न होने वाली ध्वनि की तरंगे नकारात्म्क ऊर्जा की तरंगों को छितरा देती हैं और उसका प्रभाव कम कर देती हैं। साथ ही उसमें से निकलने वाली मनमोहक ध्वनि घर में सकारात्मक ऊर्जा को संरक्षित करती है।
घर के कोने में नमक -
यदि आप अपने घर के कोनों में चार कटोरियों में नमक भर कर रख देते हैं, तो नमक सभी नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित कर लेगा। और घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का वास रहेगा।
हवन-पूजन -
घर में साल में कम से कम दो या तीन बार नवग्रह पूजन के साथ मनचाहा पूजन करवायें और साथ में हवन जरूर करवायें। इससे घर का वास्तु दोष दूर होता है।
तस्वीरें -
घर में चील, उल्लू, जंगली मांसाहारी जानवर, जंग, दुर्घटना, आदि की तस्वीरें फ्रेम करवाकर नहीं लगवानी चाहिये। इससे घर में परेशानियां आती हैं। अगर घर में ऐसी तस्वीरें हैं, तो उन्हें तुरंत बाहर करें।
मुख्य द्वार -
वास्तु के कुछ नियम घर के मुख्य द्वार के लिए होते है जिनका पालन करके हम अपने घर परिवार में खुशहाली ला सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे अपने घर के मुख्य दरवाज़े को वास्तु के अनुरूप रखें ताकि हमारे घर को किसी की बुरी नज़र न लगे और न ही किसी नकारात्मक ऊर्जा का घर के अंदर प्रवेश हो सके। -
मुख्य द्वार के सामने -
बहुत लोग अपने मकान या फ्लैट के मुख्य द्वार के सामने की जगह पर जूते की रैग, साइकिल, वाहन, आदि रख देते हैं। ऐसा करने से घर में प्रवेश करने वाली सकारात्मक ऊर्जा नकारात्मक बन जाती है।
मुख्य द्वार के बाहर बल्ब -
घर के मुख्य द्वार के बाहर एक बल्ब या ट्यूबलाइट जरूर लगानी चाहिये, शाम होते ही उसे ऑन कर देना चाहिये। ऐसा करने से रात के वक्त नकारातमक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती है।
इन बातों का रखें ध्यान -
1. घर के मुख्य द्वार पर गंदगी कभी न हो दरवाज़े पर हमेशा साफ सफाई रखनी चाहिए।
2. शाम होते ही लाइट जला दें, दरवाज़े पर अंधेरा न हो।
3. घर के बाहर नेमप्लेट साफ सुथरा रखें, उस पर धुल न जमने दें क्योंकि ऐसा माना जाता है कि नेमप्लेट साफ रहने से किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती।
4. अगर आप घर के सामने अपनी गाड़ी पार्क करते हैं तो कोशिश करें कि उसे दरवाज़े से थोड़ा हट कर खड़ा करें बिलकुल बीच में नहीं।
5. घर का प्रवेश द्वार कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए क्योंकि इस दिशा को नर्क की दिशा कहा जाता है जहां से केवल नकारात्मक शक्तियों का आगमन घर के भीतर होता है। यदि उत्तर में दिशा घर का मुख्य द्वार हो तो उसे बहुत ही शुभ माना जाता है।
6. मुख्य द्वार के सामने कुंआ या गड्ढा न हो।
7. प्रवेश द्वार को सुरक्षित रखना भी, नकारात्मकता को हटाने की बहुत पुरानी और पारंपरिक पद्धति है। लोग घर के प्रवेश द्वार पर हरी मिर्च और नींबू बांध देते हैं, ऐसा माना जाता है कि इससे नकारात्मकता दूर होती है।
8. मुख्यद्वार पर रोजाना सुबह-सुबह गंगाजल छिड़क कर भी नकारात्मकता को दूर कर सकती हैं।
9. मुख्य दरवाजे से घर के भीतर सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है. यहां पर छोटा फाउंटेन लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. साथ ही मुख्य द्वार पर हरे-भरे पौधे रखें।
10. मुख्य द्वार के पास की दीवारों का रंग गहरा नहीं होना चाहिए क्योंकि वास्तु के अनुसार यह सकारात्मकता को सोख लेता है।
11. घर पर सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए सिंदूरी रंग के गणेशजी को रखना बहुत शुभ माना जाता है। घर के मुख्य दरवाजे पर गणपति की ऐसी मूर्ति होने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है।
12. घर के मुख्य द्वार पर गणेशजी की फोटो लगी हो तो दरवाजे के दूसरी ओर ठीक उसी स्थान पर गणेशजी की प्रतिमा को इस तरह से लगाएं कि दोनों प्रतिमा की पीठ मिली हुई हो।
13. घर में गणेश जी मूर्ति या फोटो बैठे हुए अवस्था में होनी चाहिए। इससे घर में सुख और समृद्धि आती है।
14. मुख्य दरवाजे पर स्वस्तिक, ऊँ, श्रीगणेश जैसे शुभ चिह्न लगाना चाहिए।
15. घर के मुख्य दरवाजे पर कचरा और गंदगी बिल्कुल नहीं होना चाहिए। साफ-सुथरी जगह पर हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
16. मुख्य दरवाजे पर तुलसी का पौधा जरूर रखना चाहिए। तुलसी के पौधे को बहुत शुभ माना जाता है।
17. मेन डोर पर विंड चाइम लगाना से घर पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हमेशा बना रहता है।
18. घर के मुख्य दरवाजे पर आम के पत्तों का तोरण द्वार होने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
* घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए पोंछा लगाते समय पानी में थोड़ा नमक मिला लेना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि नमक में नेगेटिव एनर्जी ग्रहण करने की शक्ति होती है और इसके साथ ही इसकी वजह से घर में मौजूद सूक्ष्म हानिकारक कीटाणु भी नष्ट होते हैं।
* घर में रोज सुबह या समय-समय पर गौमूत्र का छिड़काव करना चाहिए। गौमूत्र की तेज गंध से स्वास्थ्य लाभ मिलता है और वातावरण पवित्र होता है।
* घर में लोबान, गुगल, कपूर, देसी घी और चदंन जलाकर इनका धुआं फैलाना चाहिए। इससे नकारात्मकता खत्म होती है। इन चीजों के धुंए से वातावरण के सूक्ष्म हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
* रंगोली बनाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। क्योंकि ऐसा माना गया है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और इसके साथ ही घर में प्रवेश करते समय सुंदर रंगोली दिखाई देती है तो मन को प्रसन्नता मिलती है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
* घर के भीतर जितनी रौशनी होगी, उतनी ही सकारात्मकता आएगी। घर में प्रकाश की पूरी व्यवस्था करें। किसी भी हिस्से में अंधेरा नहीं होना चाहिए और शाम को एक बार पूरे घर की लाइट्स जलाएं। घर की लॉबी हमेशा रौशन रहनी चाहिए, क्योंकि वहां आकाश तत्व का वास होता है।
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Engineer Rameshwar Prasad(B.Tech., M.Tech., P.G.D.C.A., P.G.D.M.) Vaastu International
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